दिल्ली। देश में इन दिनों मानसून सक्रीय है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अभी तक हुई बारिश का आंकड़ा जारी किया है। आईएमडी के मुताबिक, भारत में इस वर्ष 1 जून से मॉनसून की शुरुआत के बाद अब तक सामान्य से 7 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है, लेकिन बारिश का वितरण राज्यों में असमान रहा है।
आईएमडी के अनुसार, अब तक 447.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य औसत 418.9 मिमी है। हालांकि क्षेत्रीय स्तर पर बारिश के आंकड़ों में काफी भिन्नता देखी गई है। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान, लद्दाख, नागालैंड, मणिपुर और सिक्किम में “सामान्य से बहुत अधिक” वर्षा दर्ज की गई है। जिसे “लार्ज एक्सेस रेनफॉल” की श्रेणी में रखा गया है।
राजस्थान में अब तक 384.7 मिमी वर्षा हुई है, जबकि वहां की सामान्य वर्षा 200.4 मिमी होती है। जो 92 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह लद्दाख में जहां आमतौर पर कम बारिश होती है। वहां 10.7 मिमी के मुकाबले 30 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 181 प्रतिशत अधिक है। नागालैंड और मणिपुर में क्रमशः 514.5 मिमी और 457.9 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य के करीब है। जबकि सिक्किम में 598.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जो सामान्य से 78 प्रतिशत अधिक है।
इन राज्यों में बारिश ने बनाया रिकॉर्ड
जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ‘अधिक वर्षा’ (सामान्य से 20 से 59 प्रतिशत अधिक) हुई है। उनमें मध्य प्रदेश, गुजरात, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, झारखंड और असम शामिल हैं। मध्य प्रदेश में अब तक 645.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से 54 प्रतिशत अधिक है। सामान्य वर्षा 418.4 मिमी होती है। गुजरात में 463.2 मिमी वर्षा हुई, जो 35 प्रतिशत अधिक है। जबकि केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में 1466.1 मिमी वर्षा हुई, जो 27 प्रतिशत की वृद्धि है।
सामान्य वर्षा वाले राज्य
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा, गोवा, त्रिपुरा, मिजोरम, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सहित अधिकांश राज्यों में “सामान्य” वर्षा हुई है, जो औसत से 19 प्रतिशत के भीतर है।
कम वर्षा वाले राज्य
अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र और लक्षद्वीप में कम वर्षा (सामान्य से 20 से 59 प्रतिशत कम) दर्ज की गई है। अरुणाचल प्रदेश में 942.2 मिमी के मुकाबले 521.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 45 प्रतिशत की कमी है। जबकि बिहार में 474.2 मिमी के मुकाबले 272 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से 43 प्रतिशत कम है।
मई में आईएमडी ने अनुमान लगाया था कि मानसून के दौरान भारत में 87 सेमी की दीर्घकालिक औसत वर्षा का 106 प्रतिशत होने की संभावना है। बता दें कि 96 से 104 प्रतिशत के बीच वर्षा को ‘सामान्य’ माना जाता है।
लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के आसपास के इलाकों, पूर्वोत्तर और बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी ने कहा था कि पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग इलाकों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की जा सकती है। मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है।