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मगरलोड ब्लॉक के ग्राम परसा मुड़ा में हुआ त्रि-दिवसीय छत्तीसगढ़ स्तरीय भव्य रामधुनी प्रतियोगिता का शुभारंभ

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मगरलोड। ग्राम परसा मुड़ा में छत्तीसगढ़ स्तरीय भव्य त्रि-दिवसीय रामधुनी प्रतियोगिता का आयोजन बड़े ही धार्मिक उत्साह और श्रद्धा के साथ प्रारंभ हुआ। इस आयोजन का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कार्यक्रम से किया गया, जिसके मुख्य अतिथि संत श्री गोवर्धन शरण दास (सिरकट्टी आश्रम, कुटेना) तथा क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक अंबिका मरकाम (सिहावा विधानसभा क्षेत्र) रहीं। दोनों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता डीहू राम साहू (अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मगरलोड) ने की। वहीं विशेष अतिथि के रूप में नगर पंचायत अध्यक्ष लीलेश सुरेश साहू, जनपद सदस्य बबिता योगेश ध्रुव, सरपंच लालाराम साहू (परसा बूड़ा), चन्दन बफना, विनीत बफना, राजेश साहू, योगेश साहू, किशन बनछोर, सन्तोष गयवाड, भूपेश सिन्हा, हेमन्त देवांगन, डांकुवर साहू, बिसहात साहू, महादेव मिश्रा एवं कीरराम साहू उपस्थित रहे।

ग्राम परसा मुड़ा के इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों और ग्रामों से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने शामिल होकर अपनी भक्ति, आस्था और संगीतमय रामधुनी प्रस्तुति से वातावरण को राममय बना दिया। तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता के दौरान ग्रामवासी व श्रद्धालु भक्तिमय माहौल में डूबकर प्रभु श्रीराम के नाम का गुणगान करेंगे।

विधायक अंबिका मरकाम का आस्था से परिपूर्ण उद्बोधन

इस अवसर पर विधायक अंबिका मरकाम ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा –
“इस प्रकार के धार्मिक आयोजन हर गांव में समय-समय पर संपन्न होने चाहिए। इससे न केवल गांव में धार्मिकता और भक्ति का वातावरण बनता है, बल्कि हमें अपने ईष्ट के प्रति आस्था को प्रकट करने का सुनहरा अवसर भी प्राप्त होता है। ऐसे आयोजन हमारी आने वाली पीढ़ियों को सनातन धर्म से जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम बनते हैं। जब बच्चे और युवा इस प्रकार की भक्ति-भावना से ओत-प्रोत कार्यक्रमों में सम्मिलित होते हैं तो उनमें धर्म, संस्कृति और परंपराओं के प्रति सम्मान जागृत होता है।”

उन्होंने आगे कहा कि मगरलोड क्षेत्र में रामधुनी का आयोजन वर्षों से एक परंपरा के रूप में हर गांव में बारी-बारी से होता आ रहा है। इसमें ग्रामीणजन तीन, चार दिन अथवा कभी-कभी एक सप्ताह तक रामधुनी का आयोजन करते हैं, जिससे पूरा गांव भक्ति और श्रद्धा में सराबोर रहता है।

रामधुनी का महत्व

रामधुनी छत्तीसगढ़ की ग्राम्य संस्कृति और भक्ति परंपरा का जीवंत स्वरूप है। इसमें भक्तगण समूह में बैठकर प्रभु श्रीराम के नाम की धुन लगाते हैं, भजन-कीर्तन गाते हैं और पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देते हैं। यह परंपरा सामाजिक समरसता, एकता और सद्भाव को बढ़ावा देती है। गांव-गांव में होने वाले इस आयोजन से लोगों में आपसी भाईचारा, आस्था और भक्ति की भावना मजबूत होती है।

ग्राम परसा मुड़ा में हो रहे इस भव्य आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। तीन दिवसीय इस रामधुनी प्रतियोगिता का समापन ग्रामवासियों और श्रद्धालुओं की सामूहिक भागीदारी के साथ होगा। निश्चित रूप से इस आयोजन से गांव-गांव में धार्मिकता और संस्कृति के संरक्षण को नई ऊर्जा प्राप्त होगी।