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Kedarnath Yatra को लेकर बड़ा फैसला : पहले पड़ाव पर नेपाली मूल की महिलाओं व बच्चों की एंट्री बैन, जानें वजह

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फाटा। केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में शुक्रवार को आयोजित खुली बैठक में ग्रामवासियों ने आगामी यात्रा सीजन 2026 से नेपाली मूल की महिलाओं व बच्चों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। बैठक ग्राम प्रधान कुसुम देवी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

ग्रामवासियों का कहना है कि मां गौरी की इस पवित्र भूमि की गरिमा और महत्ता को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाना आवश्यक हो गया है।

उनका आरोप है कि बीते वर्षों में नेपाली मूल की कई महिलाएं गौरीकुंड में शराब और मांस का अवैध कारोबार करती हुई पकड़ी गईं, जिससे क्षेत्र की पवित्रता प्रभावित हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद प्रशासन केवल खानापूर्ती कार्रवाई करता रहा, जिस कारण ग्रामसभा को सख्त निर्णय लेना पड़ा।

ग्राम पंचायत की खुली बैठक में लिया निर्णय
ग्राम प्रधान कुसुम देवी ने कहा कि गौरीकुंड का केदारनाथ यात्रा में विशेष महत्व है। हर साल यहां आने वाले लाखों श्रद्धालु मां गौरी के पवित्र दरबार में दर्शन करते हैं। लेकिन प्रशासन की अनदेखी से इस स्थल की महत्ता घट रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नेपाली मूल के लोग रोजगार हेतु आ सकते हैं, लेकिन महिलाओं और बच्चों को साथ लाने पर प्रतिबंध रहेगा।

व्यापार संघ अध्यक्ष रामचंद्र गोस्वामी ने भी ग्रामसभा के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि प्रशासन से कई बार कार्रवाई की मांग की गई, लेकिन ठोस कदम न उठाए जाने से ग्रामीणों को मजबूरन यह निर्णय लेना पड़ा।

ग्रामसभा की इस बैठक में ग्राम सरपंच मुकेश गोस्वामी, मीना देवी, माहेश्वरी देवी, सतेश्वरी देवी, अनूप गोस्वामी, मनोज गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।