नान घोटाला : रिटायर्ड आईएएस आलोक शुक्ल और अनिल टुटेजा ने किया सरेंडर, दिल्ली में होगी पूछताछ

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नान घोटाला मामले के आरोपी रिटायर्ड आईएएस आफिसर डा. आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने आज ईडी कोर्ट में सरेंडर किया। कोर्ट ने दोनों को 4 सप्ताह की ईडी की कस्टोडियल रिमांड पर भेजा है। दोनों से 16 अक्टूबर तक ईडी के हेड ऑफिस नई दिल्ली में पूछताछ की जाएगी।
प्रवर्तन निदेशालय के वकील सौरभ कुमार पांडेय ने बताया कि सीआरपीसी के तहत जो प्रावधान है वह तो अपनी जगह पर हैं. उसके अनुसार जो मैक्सिमम कस्टोडियल पीरियड है वह मेंशनड है, लेकिन यहां मामला सुप्रीम कोर्ट के पास था. सुप्रीम कोर्ट के पास बेल एप्लीकेशन रिजेक्शन की गई थी.
प्रवर्तन निदेशालय ने साल 2020 में रिजेक्शन के लिए अप्लाई किया था. लेकिन उसका फैसला साल 2025 में आया और जब फैसला आया है तो उसमें सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से अपने ऑर्डर में लिखा है कस्टोडियल रिमांड फॉर 4 वीक ईडी अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने क्लियर कर दिया है कि हम 4 हफ्ते की कस्टोडियल रिमांड ईडी को दे रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च न्यायालय है और अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए लिखा है.
रिटायर्ड आईएएस आलोक शुक्ला सोमवार को तीसरी बार रायपुर के कोर्ट में सरेंडर करने के लिए पहुंचे थे. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की मौजूदगी में कोर्ट में सरेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई. अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला दोनों आरोपियों को प्रवर्तन निदेशालय की टीम रायपुर से दिल्ली के लिए रवाना होगी. सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद रायपुर की प्रवर्तन निदेशालय कोर्ट में दोनों की सुनवाई हुई. घोटाले के आरोपी अनिल टुटेजा भी कोर्ट पहुंचे थे. प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट का आवेदन भी लगाया था.
नान घोटाला मामले की आरोपी आलोक शुक्ला 18 सितंबर को भी सरेंडर करने के लिए कोर्ट पहुंचे हुए थे. कोर्ट ने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट का आर्डर अपलोड नहीं हुआ है. इसलिए सरेंडर नहीं कर सकते. इसके बाद 19 सितंबर को आलोक शुक्ला फिर से कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय के वकील केस डायरी लेकर कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे.
जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने सुनवाई के बाद हाई कोर्ट से आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को मिली अग्रिम जमानत को रद्द कर दी. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी के लिए आदेश जारी कर दिया. कोर्ट ने कहा है कि चार हफ्ते तक प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड पर रहेंगे उसके बाद ही उन्हें जमानत मिल सकेगी.