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कांकेर के कोयलीबेड़ा में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में मिली कई विस्फोटक सामग्री

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कांकेर। जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षा बलों को एक और सफलता मिली है। थाना कोयलीबेड़ा क्षेत्र के टेकापानी-बड़गांव के बीच पहाड़ी जंगलों में पुलिस और बीएसएफ की संयुक्त टीम और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस कार्रवाई के दौरान घटनास्थल से रिवाल्वर, कारतूस सहित भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद की गई है। माओवादियों की मौजूदगी की सूचना पर रवाना हुई टीम पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुन्दरराज पी (भा.पु.से.), पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज अमित तुकाराम कांबले (भा.पु.से.), बीएसएफ उप महानिरीक्षक कन्हारगांव सेक्टर विपुल मोहन बाला और कांकेर पुलिस उप महानिरीक्षक एवं एसपी आई.के. एलिसेला (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में सुरक्षा बलों का दल अभियान पर निकला था। दिनांक 22 सितंबर को थाना कोयलीबेड़ा अंतर्गत ग्राम टेकापानी-बड़गांव के बीच जंगल क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस और बीएसएफ की संयुक्त पार्टी सर्चिंग के लिए रवाना हुई।

जंगल में मुठभेड़ जैसे ही सुरक्षा बलों की टीम दोपहर के समय पहाड़ी जंगल क्षेत्र में पहुंची, वहां छिपे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस और बीएसएफ बलों ने मोर्चा संभाला। कुछ देर चली गोलीबारी के बाद नक्सली घने जंगल का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए। हथियार और सामग्री बरामद घटना स्थल की सर्चिंग करने पर संयुक्त दल को कई महत्वपूर्ण सामान मिले। इसमें शामिल हैं – 01 नग रिवाल्वर 22 नग कारतूस

नक्सल साहित्य 01 नग टार्च 01 नग पोच तथा भारी मात्रा में दैनिक उपयोग की सामग्री। सुरक्षा बलों का मानना है कि बरामद सामग्री से माओवादियों की मौजूदगी और गतिविधियों के संबंध में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं। अभियान जारी वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। यह मुठभेड़ इस बात का संकेत है कि माओवादी अब भी जंगलों में सक्रिय हैं और पुलिस-बीएसएफ के संयुक्त प्रयास उन्हें कमजोर करने में जुटे हैं। स्थानीय स्तर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और इलाके में लगातार सर्चिंग अभियान जारी है। सुरक्षा बलों का कहना है कि इस तरह की बरामदगी न केवल नक्सलियों की कमर तोड़ने में सहायक है बल्कि इससे ग्रामीणों में भी विश्वास बढ़ता है। अधिकारी ने बताया कि नक्सली ग्रामीणों को भयभीत करने और अपनी विचारधारा फैलाने के लिए ऐसी सामग्रियों का उपयोग करते हैं।