नहीं रही जंगल सफारी की बिजली, गुजरात के वनतारा में तोड़ा दम,गर्भाशय और किडनी के इंफेक्शन से थी पीड़ित

रायपुर।एशिया के सबसे बड़े मानव निर्मित जंगल सफारी की शान बाघिन बिजली नहीं रही । किडनी की गंभीर समस्या से जूझ रही बाघिन बिजली को बेहतर इलाज के लिए अंबानी फाउंडेशन के वन प्राणी अस्पताल वनतारा भेजा गया था । लेकिन वहां पहुंचने के एक दिन बाद ही उसने दम तोड़ दिया। उसकी किडनी में गंभीर रूप से इंफेक्शन हो चुका था। साथ ही गर्भाशय की इन्फेक्शन से भी जूझ रही थी। देर रात उसकी मौत की खबर ने प्रदेश के वन प्राणियों को स्तब्ध कर दिया है। सभी उसकी मौत पर अफसोस जाता रहे हैं।
आज होगा पोस्टमार्टम
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जंगल सफारी की बाघिन बिजली की मौत के बाद आज वंतरा में ही उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा। इस मौके पर छत्तीसगढ़ वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। पोस्टमार्टम के बाद बाघिन के शव को रायपुर लाया जाएगा या फिर वहीं दफना दिया जाएगा यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है ।
बाघिन बिजली जंगल सफारी की शान कही जाती थी। उसका अंदाज राजशाही था। जब भी पर्यटक घूमने जाते वह अक्सर उनसे मुखातिब होती थी । इस वजह से पर्यटकों में खासा लोकप्रिय भी थी। साल 2023 में उसने चार बच्चों को जन्म दिया था। बिजली महज 8 साल की थी। सामान्य बाग की उम्र 10 से 12 साल मानी जाती है, लेकिन जंगल सफारी अथवा चिड़ियाघर में उसे रखा जाए तो इसकी उम्र 16 से 17 साल तक हो सकती है। इस लिहाज से अभी उसकी आधी जिंदगी बाकी थी । इसीलिए छत्तीसगढ़ सरकार ने भी उसे बचाने की भरपूर कोशिश कि जब उसे राज्य के बाहर ले जाने की बात उठी तो 24 घंटे के भीतर दिल्ली से इसकी परमिशन हासिल की गई। आनन फानन में ट्रेन में एक स्पेशल होगी की व्यवस्था की गई। अगर स्पेशल बोगी की व्यवस्था नहीं हो पाती तो उसे एयरलिफ्ट कर भी बनतारा पहुंच जाने की प्लानिंग थी।