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हर्षोल्लास से मनाया गया गोवर्धन पूजा का पर्व,जैतूसाव मठ और दूधाधारी मंदिर में 200 से अधिक व्यंजन छत्तीसगढ़ी कलेवा का लगा भोग

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रायपुर। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को प्रत्येक वर्ष की तरह गोवर्धन पूजा का महापर्व श्रद्धा भक्ति पूर्वक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया‌। गौ माताओं की पूजा की गई‌‌ तथा गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी विधिवत पूजा अर्चना की गई‌। ठाकुर जी मे 56 भोग लगाया गया , छत्तीसगढ़ को धान‌ का कटोरा कहा जाता है और धान‌ को अन्नपुर्णा, इसलिए इस वर्ष मठ के गर्भगृह को धान कि बालियों से सजाया गया है छत्तीसगढ़ मे पहली बार इस तरह सजाया गया है

प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री जैतू साव मठ व दुद्धाधारी मठ में गोवर्धन पूजा की गई, गौ माता को श्रृंगारित किया गया एवं विधि पूजा अर्चना की गई, फल एवं मिष्ठान का भोग लगाया गया। श्रद्धालु भक्तों ने गौमाता की गोबर से एक- दूसरे को तिलक लगाया और गौ वंश के वृद्धि की कामना की। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि- कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को प्रत्येक वर्ष गोवर्धन पूजा का पर्व सभी सनातन धर्मावलंबियों में श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया जाता है‌। श्रीमद् भागवत महापुराण में भगवान श्री कृष्ण चंद्र जी द्वारा इंद्र के अहंकार को चूर-चूर करने के लिए इस पूजन का आयोजन बृजवासियों ने भगवान श्री नारायण के अंसावतार भगवान कृष्ण चंद्र जी की अगुवाई में पूरा किया था। तब से यह पर्व हमारे पूर्वज परंपरागत रूप से मनाते आ रहे हैं। इस अवसर पर विशेष सुरक्षा उपस्थित पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि- आज गोवर्धन पूजा के साथ-साथ अन्नकूट का भी त्यौहार है इसे हम सभी श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाते आ रहे हैं यह हमारी सनातन परंपरा का अंग है। ट्रस्ट कमेटी के सदस्य अजय तिवारी ने कहा कि – गोवर्धन पूजा देव पूजन के साथ -साथ प्रकृति पूजा का भी प्रतीक है। इसमें हम गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं। जंगल,नदी, पहाड़ इन सभी को हमारे धर्म शास्त्रों में देवतुल्य माना गया है, यह प्रकृति संरक्षण का सर्वोत्तम उदाहरण है। कार्यक्रम में विशेष रूप से दाऊ महेंद्रा अग्रवाल, सुरेश शुक्ला, रमेश यदु, चंद्रकांत यदु ,जगन्नाथ अग्रवाल, पुजारी सुमित तिवारी जी, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, हर्ष दुबे सहित अनेक गणमान्य नागरिक गण सम्मिलित हुए।