गुजरात में SIR के काम में दबाव के कारण BLO ने की आत्महत्या; सुसाइड नोट में लिखा – ‘मैं थका हुआ हूं’
सोमनाथ । गुजरात के गिर सोमनाथ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ने मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) कार्य के असहनीय बोझ और मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या कर ली। मृतक शिक्षक बूथ लेवल अधिकारी के पद पर कार्यरत था।
शिक्षक की मौत के बाद मिले सुसाइड नोट मिला है जिसमें लिखा है कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें लगातार थकान और मानसिक तनाव महसूस हो रहा था और काम का दबाव अब बर्दाश्त से बाहर था।
अपनी पत्नी संगीता को संबोधित इस सुसाइड नोट में मृतक शिक्षक ने भारी मन से अपना दुख व्यक्त करते हुए लिखा, “संगीता मै अब यह SIR का काम नहीं कर सकता और पिछले कुछ दिनों से लगातार थका हुआ और मानसिक रूप से तनावग्रस्त महसूस कर रहा हूं। अपना और हमारे बेटे का ख्याल रखना।”
उन्होंने आगे लिखा, “मैं तुम दोनों से बहुत प्यार करता हूं, लेकिन अब मैं बहुत कमजोर हो गया हूं और मेरे पास यह अंतिम कदम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मेरा यह बैग यहां पड़ा है जिसमें सारी कागजी साहित्य है। कृपया इसे स्कूल को दे देना।”
शिक्षक समुदाय में आक्रोश
इस घटना के बाद राज्य भर के शिक्षक समुदायमें शोक और आक्रोश व्याप्त है। शिक्षक संघों ने SIR संचालन में शिक्षकों पर असहनीय दबाव डालने के लिए सरकारी व्यवस्था की कड़ी आलोचना की है और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संघों का कहना है कि चुनाव संबंधी गैर-शैक्षणिक कार्यों के बोझ से शिक्षक लगातार तनाव में रहते हैं, जिसके कारण ऐसी दुखद घटनाएं हो रही हैं।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ गुजरात प्रांत के प्रचार अध्यक्ष राकेश कुमार ठाकरे ने गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तालुका में चुनाव प्रक्रिया में काम के दबाव के कारण एक शिक्षक द्वारा आत्महत्या करने की घटना की निंदा की। महासंघ ने इस मामले की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था और 15 तारीख को एक ज्ञापन भी सौंपा था।
उन्होंने कहा कि खेड़ा जिले में एक शिक्षक की मौत का मामला भी सामने आया है, जहां परिवार ने दबाव का आरोप लगाया है। महासंघ इन घटनाओं को शिक्षकों के मानसिक संतुलन खोने और अवसाद का नतीजा मानता है। उन्होंने आत्महत्या के लिए उकसाने वाले अधिकारियों को तुरंत जेल भेजने की मां की है और सरकार से यह संदेश देने को कहा है कि वह शिक्षक समुदाय के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस दबाव को जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास करें। महासंघ इस मुद्दे पर बैठक कर सरकार के खिलाफ संघर्ष करने के मूड में है और शिक्षकों पर से दबाव तुरंत हटाने की मांग की है।
महासंघ का कहना है कि गुजरात के सभी विधानसभाओं के सभी चुनाव अधिकारियों से हाथ जोड़कर निवेदन है कि वे जल्द से जल्द इस दबाव को हटाने का प्रयास करें। अन्यथा, भविष्य में अगर किसी शिक्षक के साथ ऐसी घटना घटती है तो वह जिम्मेदार होगा और संगठन इसके लिए जो भी कानूनी कार्रवाई जरूरी होगी वह करेगा।





