आज आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है और इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में इस व्रत का खास महत्व माना गया है और कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति पूरे विधि-विधान के साथ इस दिन व्रत व पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल अवश्य अर्पित करना चाहिए, इससे व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं. आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.
मासिक शिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आज यानि 16 जून को सुबह 8 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 17 जून को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर होगा. मासिक शिवरात्रि का व्रत 16 जून को रखा जाएगा. वैसे तो हिंदू धर्म में उदयातिथि के अनुसार व्रत रखे जाते हैं, लेकिन मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पूजन रात्रि में किया जाता है इसलिए यह व्रत रात्रि के मुहूर्त के अनुसार ही रखा जाता है. मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि में 12 बजकर 2 मिनट से लेकर 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.
मासिक शिवरात्रि का महत्व
कहते हैं कि मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था और इसी दिन भगवान शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. इसलिए इस व्रत को बहुत ही फलदायी माना गया है. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
मासिक शिवरात्रि के दिन ऐसे करें पूजा
धर्म शास्त्रों के अनुसार मासिक शिवरात्रि का पूजन सूर्यास्त के बाद किया जाता है. यह पूजा चारों प्रहर की पूजा होती है और रात्रि के चारों प्रहर की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. बता दें कि प्रत्येक प्रहर 3 घंटे का होता है. पहला प्रहर शाम 6 बजे से लेकर 9 बजे तक होता है और इस दिन भगवान शिव का दूध से अभिषेक करना उत्तम माना गया है. दूसरे प्रहर में दही से अभिषेक किया जाता है और तीसरे प्रहर में घी से अभिषेक होता है. चौथे प्रहर में शहद से अभिषेक के बाद ही पूजा सम्पन्न मानी जाती है.