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अमरनाथ यात्रा : श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान हेल्मेट पहनना अनिवार्य , जानिए क्या है वजह

Amarnath: Naturally formed Shiv Lingam (ice-lingam) in the holy cave shrine of Amarnath, the abode of Lord Shiva, J & K, Saturday, June 3, 2023. (PTI Photo) (PTI06_03_2023_000096B) *** Local Caption ***

नेशनल न्यूज़। दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा 1 जुलाई से शुरू होने वाली है। इसको लेकर लगभाग सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। वहीं तैयारियों का जयाजा लेने पहुंचे श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के सीईओ मनदीप कुमार भंडारी ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान हेलमेट पहनने की सलाह दी गई है। मनदीप कुमार भंडारी ने बताया कि यात्रियों को श्राइन बोर्ड की तरफ से फ्री में यह हेलमेट उपलब्ध करवाए जाएंगे।

मनदीप कुमार भंडारी ने बताया कि यात्रा मार्ग पर लैंडस्लाइड और पत्थर गिरने की घटनाओं को ध्यान में रखकर कुछ हिस्सों को संवेदनशील माना गया है। यहां से गुजरने पर यात्रियों को हेल्मेट पहनना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु खच्चर का इस्तेमाल करेंगे, उनके लिए भी हेल्मेट जरूरी है। उन्होंने बताया कि अब तक रजिस्ट्रेशन की संख्या पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन यात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है। तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 30 जून को जम्मू के भगवती नगर आधार कैंप से घाटी के लिए रवाना हो रहा है।

भंडारी ने बताया कि यात्रा 31 अगस्त तक चलेगी। इस साल की तीर्थयात्रा 62 दिनों की होगी और अब तक की सबसे लंबी होगी। अब तक तीन लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं। बालटाल के दो मार्गों से यात्रा की जा सकेगी, जिसमें 14.5 किमी की ट्रैकिंग और चंदनवारी से 13,000 फीट की ऊंचाई पर पवित्र गुफा मंदिर तक 32 किमी की ट्रेकिंग शामिल है। इस साल दोनों मार्गों पर यात्रा ट्रैक को बेहतर बनाया गया है। पटरियों को चौड़ा कर दिया गया है और हैंड रेलिंग लगा दी गई है।
तीर्थयात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए दोनों यात्रा मार्गों में रोशनी का इंतजाम किया गया है। गुफा मंदिर के रास्ते में पर्वतीय बचाव दल तैनात किए गए हैं

रात में गुफा के पास रूकने की इजाजत नहीं
भंडारी ने कहा कि किसी भी तीर्थयात्री को रात के दौरान गुफा मंदिर के पास रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रियों को महत्वपूर्ण सूचनाओं से अवगत कराने के लिए सभी कैंप में सार्वजनिक संबोधन सिस्टम के साथ-साथ वीडियो वॉल भी लगाई गई हैं। इस साल यात्रा के लिए करीब 5,100 अलग टॉयलेट तैयार करने की संयुक्त पहल की गई है।

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