वृक्षारोपण से ज्यादा पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन की अधिक आवश्यकता है: जन्मजय नायक

० पौधारोपण सिर्फ सरकारी दिखावे खाना पूर्ति की औपचारिकता भर रह गई है ० पौधरोपण के बाद पलट कर देखने वाला कोई नही दिलीप गुप्ता सरायपाली। वर्षाऋतु आते ही सरकार , प्रशासन , वन विभाग , विभिन्न शैक्षणिक व निजी संस्थानों के दिमागों में पौधारोपण का कीड़ा कुलबुलाने लगता है । सभी ऐसा प्रयास व दिखावा करते हैं कि वही सबसे बड़े पर्यावरण के चिंतक है । पौधारोपण कार्यक्रमों में अपना नम्बर बढ़ाने व दिखाने इस तरह सक्रिय दिखाई देते हैं जैसे उन्हें पौधरोपण की गहरी पहचान है ।सुरक्षित पर्यावरण वन हैं तो हम हैं पर लंबी भाषण बाजी के बाद पौधारोपण में वीडियो व फोटो क्लिपों की आवाजें तेज […]