जीवन एस. साहू
गरियाबंद।गरियाबंद जिला में आदिवासी विकास विभाग में पदस्थ सहायक आयुक्त इन दिनों चर्चा में है, क्योंकि उनका मूल पद संयुक्त कलेक्टर में है, जिसे सहायक आयुक्त आदिवासी विकास गरियाबंद में पदस्थ बी.के. सुखदेवे के निलंबन के पश्चात् तत्कालीन कलेक्टर ने प्रभार दिलाया था, वर्तमान में उनका कार्यकाल 10 माह से अधिक होने जा रहा है, गौरतलब है कि उक्त कार्यालय में करोड़ो रूपये की राशि विभिन्न मदों में विकास कार्य के किये जाते है, इसलिए यह पद दुधारू गाय माना जाता है, एैसा करोड़ो के बजट राशि को देखकर उक्त प्रभारी सहायक आयुक्त के लार टपकने लगे विकास और निर्माण कार्य में राशि का एैसा बंदरबाट हुआ कि विभाग के सारे नियम कानून व मापदंड को किनारे कर दिया गया ।सरकार बदल गई फिर भी अधिकारी की हौसले इतने बुलंद की नियम कानून को भी नहीं मानते हैं ऐसी स्थिति ट्राइबल विभाग की है.
गरियाबंद जिला वनवासी आदिवासी आंचल है, जिसमें तीन विकासखंड क्रमशः गरियाबंद, मैनपुर एवं छुरा अनुसूचित क्षेत्र होने के कारण आश्रम, हास्टल, क्रीडा परिसर, स्कूल भवन के अलावा अन्य निर्माण एवं विकास कार्य कराये जाते है, जिसके लिए शासन द्वारा करोड़ो रूपये की धन राशि आबंटित कराई गई थी, जिसमें भारी भ्रष्ट्राचार के अंदेशा को देखकर वरिष्ठ पत्रकार ने सूचना का अधिकार आवेदन लगाया गया था और आवेदन में जो जानकारी मांगी गई वह स्पष्ट है, जो बिन्दु है उसी के अनुसार देना था, उसे प्रभारी सहायक आयुक्त ने एक लाईन में जवाब भेज दिया गया कि आपके द्वारा चाही गई जानकारी अस्पष्ट है ।
यह बताना लाजिम होगा कि पांच विषय पर पांच आवेदन पृथक-पृथक लगाया गया था, जो इस प्रकार है – निर्माण एवं विकास कार्य की निविदा आमंत्रित की जाती है, का कब प्रकाशन हुआ जिसका ई-मेल नेट से भेजी जाती है, या डाक से भेजी जाती है, क्या आपके कार्यालय में नेट की सुविधा सुचारू रूप से संचालित है या नही ?, दूसरा आवेदन- वर्ष 2023-2024 में निविदा कौन-कौन समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया है ?, तीसरा आवेदन- वर्ष 2023-2024 में कितने हाॅस्टल, आश्रमों का जीर्णोद्धार कार्य किये गये है, तथा निविदा की कौन-कौन समाचार पत्रों में प्रकाशित किया है की जानकारी चाही गई ?, चैथा आवेदन- वर्ष 2023-2024 में अधोसंरचना मद में कुल कितना राशि प्राप्त हुआ और क्या-क्या कार्य कराये गये है, और पांचवा आवेदन- डी.एम.एफ. (जिला खनिज न्यास) से वर्ष 2023-2024 में कुल आंबटन राशि प्राप्त हुआ है की जानकारी चाही गई थी किन्तु प्रभारी सहायक आयुक्त (आदिवासी विकास) गरियाबंद ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 का धज्जियाॅ उड़ाते एक पंक्ति का जवाब दो टूक जवाब भेजा गया है कि आपके द्वारा चाही गई जानकारी अस्पष्ट है । यह कि उक्त निर्माण कार्यो में व्यापक पैमाने पर भ्रष्ट्राचार हुआ है, भ्रष्ट्राचार के विरूद्ध प्रभारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास गरियाबंद के कार्यालय में अधोसंरचना एवं जिला खनिज न्यास (डी.एम.एफ.) में हुए भ्रष्ट्राचार के विरूद्ध मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग एवं दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही मांग करेगें।