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प्रयागराज महाकुंभ में दिखी अव्यवस्था ,बेकाबू होकर बढ़ रही थी भीड़, रोकने वाले कम थे, 30 जानें गईं तब चेते…जानिए कैसे मची भगदड़

प्रयागराज। महाकुंभ में भगदड़ मचने से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 90 लोग घायल हैं। इस दौरान अव्यस्था भी दिखी। हादसे के बाद कुम्भ क्षेत्र में भगदड़ मचने के बाद सैकड़ों लोग अपनों को खोजते रहे। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मैं मामा के साथ रात 1 बजे संगम स्नान करने पहुंचा। स्नान के बाद लौटने को तैयार हुए तभी भगदड़ मच गई। भीड़ में जवान लोगों की संख्या ज्यादा थी, जो बेकाबू होकर आगे बढ़ रहे थे। भीड़ संगम पहुंचने की जल्दबाजी में थी। उससे बचने के लिए तीन-चार महिलाएं संगम में कूद गईं। संगम किनारे पड़ी पुआल पर सैकड़ों लोग सो रहे थे, जो भी रास्ते में आया कुचला गया। भीड़ छंटी तो चीख-पुकार थी। दर्जनों महिला-पुरुष पैसे, सोने की चेन, मोबाइल गायब होने की शिकायत कर रहे थे।

भगदड़ से पहले का एक वीडियाे सामने आया है। इसमें प्रयागराज कमिश्नर विजय विश्वास पंत सोए लोगों से अपील कर रहे हैं कि लेटे रहने से फायदा नहीं है। उठिए-स्नान करिए। यहां और भक्त पहुंचने वाले हैं। भगदड़ मचने की आशंका है। संगम नोज पर एंट्री-एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से वापस जा रहे थे। भगदड़ मची तो निकलने का मौका नहीं मिला।

प्रशासन ने मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आने का अनुमान लगाया था। 3 दिन से श्रद्धालु आ रहे थे। प्रयाग आने वाला हर श्रद्धालु संगम पहुंचना चाहता ​था। अखाड़ों का अमृत स्नान देखने के लिए लोग मंगलवार रात से संगम किनारे बैठे हुए थे। ऐसे में भीड़ वहीं जुटती गई। यही हादसे का कारण बनी।

ऐसे मची भगदड़
दरअसल, मंगलवार रात 10 बजे से संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी( प्रशासन ने श्रद्धालुओं को स्नान के बाद आगे बढ़ाने की योजना बनाई थी, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने की इच्छा के कारण श्रद्धालुओं भीड़ रुकी रही। बैरिकेडिंग के किनारे कई श्रद्धालु सो रहे थे, जब भीड़ बढ़ने लगी। बुधवार सुबह 1:45 बजे से 2 बजे के बीच भीड़ बेकाबू हो गई और श्रद्धालु बैरिकेडिंग तोड़कर संगम की ओर भागने लगे। इस दौरान बैरिकेडिंग से कूदते हुए लोग नीचे सो रहे श्रद्धालुओं पर गिर पड़े, जिससे भगदड़ मच गई।

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