Close

DMF Fund Fraud : अफसरों और नेताओं ने ऐसे किया करोड़ों रुपयों का बंदरबाट

रायपुर : रायपुर,बिलासपुर,दुर्ग-भिलाई, बलौदाबाजार और कोरबा, रायगढ़, बस्तर समेत सरगुजा इलाको में DMF फंड का सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा किया गया। इन सभी जिलों में खनिज उतखनन से प्राप्त होने वाली राशि के लिए जिला खनिज न्यास निधि माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जमकर खर्च किया गया। इसके साथ ही स्थानीय मंडई मेलों में भी इस राशि का मनमाना उपयोग किया गया था। हालांकि स्थानीय जनप्रतिनिधि और कई कलेक्टरो ने इस फंड की राशि का अपने क्षेत्रों में छोटे-छोटे विकास कार्यों के नाम पर करते रहे जिसकी पूर्व सीएम को निगरानी समिति के जरिए हो रही फिजुल खर्च की शिकायतें मिल रही थी लेकिन उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई जिसके परिणामस्वरूप एक बड़े घोटाले का शक्ल लेकर इस मामले ने जन्म लिया जिसकी शिकायत भी केन्द्रीय एजेंसी ED में की गई।

बता दें कि एजेंसी ने जांच में पाया कि अलग-अलग जिलों में DMF फंड के पैसों का जमकर बंदरबाट हुआ। इस घोटाले के प्रमाण सबसे पहले कोरबा में मिले थे और कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू इसी मामले में जेल में बंद है। वहीं छत्तीसगढ़ में कोयल और शराब घोटाले के बाद DMF घोटाला भी एक बड़े घोटाले के रूप में सामने आया।
ईडी ने जांच में पाया कि इस फंड के जरिए कई शासकीय अधिकारियों समेत कई रसुखदार राजनेताओं और उनके चहेतों ने आपस में ही बांटकर राज्य को बड़े राजस्व की हानि पहुंचाई। जिसके बाद ईडी ने राज्य के चीफ सेक्रेट्री और डीजीपी को एक प्रतिवेदन भेजकर संबंधित अधिकारियों समेत राजनेताओं और चहेते कारोबारियों के खिलाफ EOW में FIR दर्ज करवाने के लिए लिखा लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने पूरे मामले की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया और ईडी के प्रतिवेदन को ठंडे बस्ते में डालकर रख दिया।
scroll to top