नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध ढोकरा कला की एक अद्भुत कृति भेंट की। यह कलाकृति बस्तर के आदिवासी कलाकारों द्वारा पारंपरिक ढंग से तैयार की गई है, जिसमें पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाते हुए संगीतकारों को खूबसूरत पत्थरों से सजाया गया है।
ढोकरा कला प्राचीन ‘लॉस्ट वैक्स तकनीक’ से बनाई जाती है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी छत्तीसगढ़ के कारीगरों द्वारा संरक्षित की गई है। इस कला में मोम के सांचे से धातु की ढलाई कर जटिल और बेहद आकर्षक आकृतियाँ बनाई जाती हैं। बस्तर के आदिवासी कलाकार अपनी मेहनत और रचनात्मकता से इसे विशेष रूप देते हैं, जिससे यह पूरी दुनिया में लोकप्रिय होती जा रही है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने इस उपहार की कलात्मकता और सांस्कृतिक महत्व की सराहना की। यह उपहार भारत और फ्रांस के मजबूत संबंधों का प्रतीक होने के साथ-साथ भारत की समृद्ध पारंपरिक शिल्पकला को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का एक प्रयास भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस की प्रथम महिला को भी एक विशेष उपहार दिया – हस्तनिर्मित चांदी का दर्पण, जिस पर बारीक हाथ से खुदाई कर सुंदर पुष्प और मोर के चित्र उकेरे गए हैं। यह दर्पण राजस्थान की शाही कारीगरी से प्रेरित है और भारत की उत्कृष्ट शिल्पकला को दर्शाता है।
इस भेंट के माध्यम से भारत ने एक बार फिर अपनी प्राचीन कलाओं और परंपराओं को विश्व मंच पर प्रस्तुत किया है, जिससे बस्तर के ढोकरा कारीगरों की मेहनत और कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।