नई दिल्ली । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत (India) 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की पूर्ण विकसित अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है।
नई दिल्ली में 19 लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के 35 पत्रकारों को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि वर्तमान सरकार की महत्वाकांक्षा 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाना है, इस दिशा में सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षा मौजूदा 3.7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को 2047 तक 30-35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके साथ ही राष्ट्र की खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
गोयल ने भारत की विकास कहानी पर बोलते हुए कहा कि 2014 में विरासत में मिली टूटी हुई अर्थव्यवस्था, अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बनने की राह पर है। वाणिज्य मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो राहों पर निरंतर प्रयास की तारीफ करते हुए बताया कि देश को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए भारत के व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों को मजबूत करना और भोजन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा से संबंधित गरीबों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में सुशासन के साथ-साथ गरीबों के कल्याण से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की समग्र दृष्टि ने भारत को दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद की है, जो 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी बनने की राह पर है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने देश के व्यापक अर्थशास्त्र में बदलाव पूरा कर लिया है। विदेशी मुद्रा भंडार दुनिया में चौथा सबसे बड़ा है, जो 2014 के बाद से दो बार और यह विकासशील देशों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों में से एक है।
गोयल ने कहा कि भारत ने आजादी के पिछले 75 वर्षों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक देखा है। उन्होंने कहा कि पिछले 12 वर्षों में मुद्रास्फीति आधी हो गई है, जिससे अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है और ब्याज दरें नियंत्रण में हैं। वाणिज्य मंत्री ने आगे कहा कि जब सरकार 2014 में स्पष्ट जनादेश के साथ केंद्र की सत्ता में आई तो उन्हें एक टूटी हुई अर्थव्यवस्था विरासत में मिली। उन्होंने कहा कि हमें एक टूटी हुई अर्थव्यवस्था विरासत में मिली, जो गहरे संकट में थी। गोयल ने कहा कि दुनियाभर में भारत की विकास गाथा और उसकी क्षमता के लिए खराब छवि बन गई थी लेकिन भारत अब भूराजनीति में एक हिस्सा है।