० शासकीय कार्य में संचालनालय के उपसंचालक स्थापना रामजतन कुशवाहा बने बाधा
रायपुर। आज संचालनालय महिला एवम बाल विकास के उपसंचालक स्थापना का एक अजिगोगरीब कारनामा सामने आया है । उन्होंने अपने एक अधीनस्थ अंसारी नामक सहायक संचालक और एक बाल विकास परियोजना अमित शर्मा के बीच नोकझोक को मुद्दा बनाकर अंसारी का पक्ष लिया और परियोजना अधिकारी की दादागिरी नहीं चलेगी का लेख कर प्रदर्शन किया ।
प्रश्न ये है कि संचालनालय के स्थापना शाखा के प्रभारी की जिम्मेदारी अधिकारियों के बीच मतभेद की गुत्थी सुलझाना होता है लेकिन यहां उल्टे स्थापना प्रभारी अपने ही कार्यालय में प्रवेश बंद करवाकर शासकीय कार्य में बाधा बन गए ।
नियमतः ऐसे प्रकरण में सर्वप्रथम उच्चाधिकारी को सूचित करना जरूरी है और हड़ताल करने की दशा में पूर्व सूचना जरूरी है । मगर अपने ही कार्यालय को बंद करवाना और किसी को भीतर न प्रवेश करना शासकीय सेवक की शासन के प्रति निष्ठा और शासकीय सेवकों की आदर्श आचरण संहिता के प्रतिकूल माना जाता है ।