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कलेक्टर ने बिना अनुमति शासकीय भूमि के अंतरण को किया शून्य घोषित

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० पटवारी सहित अन्य पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के दिये निर्देश



गरियाबंद। कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने तहसील गरियाबंद अंतर्गत ग्राम पारागांवडीह में शासकीय पट्टे के भूमि को सक्षम प्राधिकारी के अनुमति के बगैर विक्रय-अंतरण किये जाने के प्रकरण में महत्वपूर्ण फैसला दिया है। उन्होंने अंतरण को छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (7-ख) के उल्लंघन पाये जाने पर शून्य एवं अकृत घोषित करते हुए उक्त भूमि को पूर्व की भांति शासन के अधीन किये जाने का आदेश जारी किया है।

साथ ही विवेचना के आधार पर पटवारी मनोज खरे व मनेश्वर सिंह ठाकुर के अलावा गोपाल राम एवं नितेश साहू के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गरियाबंद को दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पारागांवडीह में स्थित भूमि खसरा नं. 27/3 रकबा 0.40 हेक्टेयर तथा खसरा नं. 27/2 रकबा 0.20 हेक्टेयर शासकीय पट्टे के भूमि है। उक्त भूमि को सर्वप्रथम गोपाल राम ने नितेश साहू को विक्रय कर दिया। तत्पश्चात नितेश साहू ने अश्वन कुमार पटेल को ऋण पुस्तिका दिखाकर उक्त भूमि का 4 सितम्बर 2018 को विक्रय पंजीयन कराया। विक्रेता ने उक्त भूमि को सभी प्रकार के अधिभारों से मुक्त बताकर तथा किसी भी न्यायालय में विवाद लंबित नहीं होना बताकर अश्वन कुमार को विक्रय कर दिया। इस प्रकरण को कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई करते हुए कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल ने दोनों भूमि रकबों के विक्रय-अंतरण में भू-राजस्व संहिता के उल्लंघन पाये जाने पर बिक्री को शून्य एवं अकृत घोषित किया है।

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