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भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित कार्यशाला का हुआ समापन

रायपुर। मालवीय मिशन शिक्षण प्रशिक्षण केंद्र द्वारा आयोजित छः दिवसीय भारतीय ज्ञान परम्परा कार्यशाला का समापन पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में हुआ l समापन कार्यक्रम का प्रारम्भ माँ सरस्वती पूजन से हुआ l इसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना ने कहा की जीवन के इस यात्रा में कोई भी विचार हमारे अंतर्मन में आता है उसके पीछे कोई दर्शन की भूमिका होती है l संसार में अनेक विचार धाराओं का आगमन हुआ वंही से ही हमारा सोचने का तरीका विकसित हुआ है l उन्होंने आगे कहा जीवन में आनंद की प्राप्ति के लिए स्वाभाविक विकास अवश्यक है,इसके बगैर जीवन में स्थिरता नहीं आ सकती l भारतवर्ष ने सदियों के संघर्ष के पश्चात अपने स्वत्व को स्थापित किया हुआ है l धर्मनीति को आधार मानकर जीवन की दिशा निर्धारित होती है यही हम भारतियों की पहचान है हमारा आदर्श है l हमें स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर की यात्रा करना अभी शेष है एवं इसके आधार निर्माण की जिम्मेदारी हमारी है l भारत का जीवन समाज केंद्रित है शासन केंद्रित नहीं यही इस देश की मौलिक सुंदरता है, इसके लिए हमारे देखने का विचार करने का तरीका ठीक करना होगा l सम्पूर्ण भारतवर्ष में कौशल की शिक्षा के लिए विशेष प्रयास की जरूरत नहीं थी इसकी पुरी व्यवस्था समाज में उपलब्ध था यह भारतीय ज्ञान परम्परा की विशेषता थी l विशिष्ट अतिथि कुलपति प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ल पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर ने कहा की मै स्वयं को भारतीय ज्ञान परम्परा का अनुयायी मानता हूँ एवं मुझे भारतीय ज्ञान परम्परा का विस्तार करने की प्रबल इच्छा है l



मुझे इस बात पर गर्व है की मै इसका अविभाज्य अंग हूँ l भारतीय ज्ञान परम्परा आरोग्य का भंडार है व जीवन दायनी है l उन्होंने आगे कहा की सम्पूर्ण ज्ञान हमारी भारतीय ज्ञान परम्परा में लिखा हुआ है जो सब कुछ उपलब्ध कराने व श्रृजन की क्षमता से युक्त है l इस ज्ञान का श्रेय हमारे ऋषि, मुनियों को जाता है जिसके लिए उन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को लगा दिया l सम्पूर्ण विश्व हमारी ज्ञान परम्परा की ओर आस लगाये हैं की इससे एक जीवन में पूर्णता प्राप्त होगा l विश्वविद्यालय में स्थापित भारतीय ज्ञान परम्परा केंद्र के डायरेक्टर प्रो.रविन्द्र ब्रम्हे सर ने कहा की भारतीय ज्ञान परम्परा के समस्त आयामों को लेकर यह कार्यशाला संचालित हुआ l इस तरह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम की आज देश को जरूरत है आने वाली पीढ़ी को लाभान्वित करें क्योंकि यह अपने विरासत से जुड़ने का अवसर है हमें अपनी जड़ों को मजबूत करने का ताकी हम मजबूती से अपने अस्तित्व को बनाये रखें l भारतीय ज्ञान परम्परा के इस अमूल्य सम्पदा को हम संजोकर रखें यही इसकी सार्थकता है l

मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर की डायरेक्टर डॉ प्रीति के सुरेश ने कहा की छः दिवसीय केपिसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका है यह आयोजन नई शिक्षा नीति 2020 को आधार मानकर किया गया l उन्होंने आगे बताया की देश के 15 संस्थानों में रविशंकर विश्वविद्यालय को यह कार्यकम करने का अवसर मिला यह हमारा सौभाग्य है,इससे समस्त प्रतिभागी लाभान्वित होंगे एवं अध्यापन व शोध में इसका उपयोग कर शिक्षा जगत में अपनी भागीदारी करेंगे l कार्यक्रम के सह- संयोजक डॉ.जी के देशमुख ने समस्त अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजकों का विश्वद्यालय परिवार की ओर से आभार व्यक्त किया lकार्यक्रम के अंत में अतिथियों एवं वक्ताओं को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया l
इस कार्यक्रम में पाठ्यक्रम संयोजक प्रोफेसर आर. के. ब्रम्हे,मालवीय मिशन टीचर टेनिंग सेंटर के डायरेक्टर प्रीति के. सुरेश, प्रोफेसर जी. के. देशमुख, डाॅ. बृजेन्द्र पांडेय, डाॅ. अरविंद अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में प्राध्यापकगण उपस्थित रहे l

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