रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कोर्ट में 3700 पन्नों का चालान दाखिल किया है। इस घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा की भूमिका को लेकर ईडी ने कई अहम दावे किए हैं।
लखमा को बताया सिंडिकेट का प्रमुख
ईडी ने अपनी जांच में आरोप लगाया था कि कवासी लखमा शराब सिंडिकेट के प्रमुख थे और उन्हें पूरी तरह से इस अवैध कारोबार का समर्थन प्राप्त था। शराब नीति में बदलाव करवाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका बताई गई है।
हर महीने 1.5 करोड़ का कमीशन!
ईडी के वकील सौरभ पांडेय के अनुसार, चालान में यह उल्लेख किया गया है कि हर महीने कवासी लखमा तक 1.5 करोड़ रुपये कमीशन पहुंचता था। साथ ही, शराब दुकानों का निरीक्षण करने से पहले आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेने की अनिवार्यता का भी जिक्र किया गया है।
ईडी की यह चार्जशीट घोटाले से जुड़े कई अहम पहलुओं को उजागर कर सकती है। मामले में आगे और भी गिरफ्तारी और खुलासे होने की संभावना है।