Close

सरायपाली में दूसरे दलों के नेताओं के भाजपा में आने की अटकलें तेज

० विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ गए लोग भी वापसी के इच्छुक

दिलीप गुप्ता

सरायपाली। कांग्रेस व जोगी कांग्रेस के साथ ही भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए कई लोगों के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं । पिछली बार जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी उस समय विधानसभा के चुनाव में ऐसा लग रहा था कि राज्य में फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी । यही सोचकर सरायपाली विधानसभा से भी कुछ लोग जिनमें पार्षद व विगत विधानसभा में भाजपा की टिकिट से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के साथ ही और लोग थे । उन्हें अपना राजनीतिक भविष्य भाजपा की जगह काँग्रेस में अधिक दिखाई दिया । किंतु विधानसभा चुनाव का जब परिणाम अप्रत्याशित रूप से इनके विचार व सोच के विपरीत आया तो अब इन्हें अपना राजनीतिक भविष्य कांग्रेस में खतरे में दिखाई देने लगा है। अब वे चिंतित हैं कि अपनाराजनीतिक भविष्य कैसे सुरक्षित रखे । अब ऐसे लोग पुनः अपनी भाजपा के प्रति आस्था प्रकट करने की बात करने लगे है व भाजपा में वापस आने की जुगत लगा रहे हैं । एक पार्षद ने तो बाकायदा चुनाव के समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष चुनावी प्रचार के दौरान भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे पर जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो अपने कथित 150 सामाजिक समर्थकों के साथ वापस भाजपा में शामिल हो गए । इस बात को लेकर कुछ सामाजिक पदाधिकारियों व सदस्यों ने यह कर विरोध जताया था कि उनकी बगैर जानकारी व सहमति के उनका प्रवेश हुआ ।

यही स्थिति जोगी कांग्रेस के नेताओ में भी दिखने लगी है । विधानसभा चुनाव के दौरान जोगी कांग्रेस ने जिस तरह अपना दमखम व सक्रियता दिखाई उससे ऐसा लग रहा था कि प्रदेश में जोगी कांग्रेस तीसरी शक्ति के रूप में उभरेगी व कहीं ऐसा न हो कि सत्ता की चाबी के वे सूत्रधार भी बन जाएं । काफी गहमागहमी व चल पहल के बीच पार्टी छोड़कर चले जाने वाले नेताओं को जब शामिल पार्टी से टिकिट नही मिली तो वे फिर जोगी पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़े । इसी तरह सरायपाली कांग्रेस के पूर्व विधायक को भी अंत तक टिकिट नही मिली तो वे अपने समर्थकों के साथ जोगी कांग्रेस में शामिल होकर टिकिट प्राप्त कर चुनाव लड़े पर 4 अंकों में ही सिमट गये । अब उनका भी राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा हुआ है । उनके कुछ आधारहीन कट्टर समर्थक तो कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना देखकर वापस कांग्रेस में शामिल हो गए । अब इधर अटकलें तेज है कि राज्य स्तर पर जोगी कांग्रेस के भाजपा में विलय होने जा रहा है इस संभावना से स्थानीय स्तर के जोगी कांग्रेस के नेताओं को कुछ राहत महसूस हो रही है कि भाजपा में शामिल हो जाने से उनका राजनीतिक कद व भविष्य सुरक्षित रह सकता है । मिली जानकारी के अनुसार यदि राज्य स्तर पर जोगी कांग्रेस का भाजपा में विलय होने की संभावना नही होने की स्थिति में सरायपाली क्षेत्र से जुड़े जोगी कांग्रेस के नेताओ ने भाजपा ने शामिल होने की कोशिशें भी तेज कर दी है ।

भाजपा में शामिल होने के लिए जोगी कांग्रेस ही नहीं कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेता व कार्यकार्यकर्ताओ के भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें लग रही है । इन कांग्रेसियों में चुनाव के समय पार्टी से विश्वासघात करने वाले कुछ पदाधिकारी , कुछ कार्यकर्ता व कुछ ऐसे भी लोग है जो विधायक की कार्यशैली से नाराज होने का बहाना बनाकर कांग्रेस छोड़ना चाहते हैं उन्हें अब कांग्रेस में असुरक्षित भविष्य सताने लगा है । इसलिए अपने राजनीतिक वजूद को बनाये व बचाये रखने भाजपा में शामिल होने का बहाना व मौका खोज रहे हैं । इस संबंध में एक पार्षद ने कहा कि यदि 2 कथित पार्षदों को भाजपा में लिया गया तो विरोध स्वरूप भाजपा से 5-6 पार्षद इस्तीफा दे देंगे।वहीं कुछ ऐसे भी कांग्रेसी हैं जो अपने आप को कॉंग्रेस के खासमखास बताने में पीछे नही है । कुछ वर्षों पूर्व जिन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से पार्टी से 6 साल के लिए निष्काषित भी किया गया था वे भी भाजपा में आने प्रयासरत हैं ।

वहीं इन सबके बावजूद विधानसभा चुनाव के बाद से स्थानीय भाजपा में भी सब कुछ ठीक ठाक नही है । नगर में एक भी ऐसा मजबूत व्यक्तित्व व नेतृत्व क्षमतावान व्यक्ति नही है जिसे कुछ बोला या सुझाव लिया जा सके । यहां भी गुटबाजी अंदरूनी तौर पर चरम सीमा पर है । इसी का परिणाम रहा कि मोदी लहर के बावजूद भी भाजपा यहां से लगभग 42 हजार वोटों से बुरी तरह पराजित हुई थी ।पराजय का कारण भी भाजपाजनों को अच्छी तरह से मालूम है । यह तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब भाजपा द्वारा चुनाव के 3 माह पहले ही प्रत्याशी की घोषणा कर दी गई थी इसके बावजूद बुरी तरह से हार चिंतनीय व शोचनीय है । आपसी सामंजस्य व तालमेल का अभाव व नाराजगी हार का कारण बताया जा रहा है । इसके बावजूद राज्य में सरकार तो भाजपा की बन गई किंतु आने वाला लोकसभा चुनाव इस चुनाव से अधिक महत्वपूर्ण है । प्रधानमंत्री मोदी का 370 के लक्ष्य को पूर्ण करने एक एक लोकसभा सीट महत्वपूर्ण व जीत आवश्यक हो गई है । विधानसभा चुनाव के बाद भी भाजपा में कोई सुधार होगा इसकी संभावना दिखाई नही दे रही है । कुछ भाजपाजनों ने बताया की यदि भाजपा द्वारा पार्टी छोड़कर गये कांग्रेसजनों व अन्य पार्टियों के नेताओं को भाजपा में शामिल करना उचित नहीं होगा। दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल किए जाने की अटकलों को लेकर नगर के 6 भाजपा पदाधिकारियों से उनकी राय मांगी गई तो 5 ने कुछ जवाब नही दिया। वहीं 1 ग्रामीण पदाधिकारी ने इनके भाजपा प्रवेश पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि जो पिछले विधानसभा चुनाव में अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर कांग्रेस पार्टी में चले गए थे आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर अपने व्यक्तिगत स्वार्थ को पूरा करने के लिए पुनः आना चाहते हैं इस प्रकार केदोहरे चरित्र वालों को भारतीय जनता पार्टी में वापस नहीं लेना चाहिए ।

कुछ भाजपा नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिस तरह से भाजपा में कांग्रेसियों को प्रवेश दिलाए जाने की अटकलें चल रही हैं उससे ऐसा न हो कि भाजपा कांग्रेस बन जाये । तोप का मुंह भाजपा अपनी ओर कर रही है । कभी भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है ।इसलिए गंभीरतापूर्वक विचार करने के साथ साथ स्थानीय संगठन व कार्यकर्ताओं की सहमति से निर्णय लिया जाना चाहिए ।

scroll to top