विश्व क्षय दिवस पर वाराणसी में आयोजित समिट में गरियाबंद को रजत पदक और तीन अन्य जिलों को मिला कांस्य पदक
रायपुर- विश्व क्षय दिवस पर आज टीबी उन्मूलन में उत्कृष्ट कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ के चार जिलों को सम्मानित किया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में वाराणसी में आयोजित वर्ल्ड टीबी समिट में गरियाबंद को रजत पदक तथा बस्तर, धमतरी और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले को कांस्य पदक प्रदान किया गया। समिट में पिछले सात वर्षों में टीबी के संक्रमण दर में 40 प्रतिशत तक की कमी लाने वाले जिलों को रजत पदक और 20 प्रतिशत तक की कमी लाने वाले जिलों को कांस्य पदक प्रदान किया गया। सब-नेशनल सर्टिफिकेशन के दौरान नामांकित जिलों के चिन्हांकित गाँवों में सर्वे, स्पुटम कलेक्शन और जांच के साथ विगत सात वर्षों के रिकॉर्ड्स का भी विश्लेषण एवं मूल्यांकन किया गया। स्वतंत्र बाह्य मूल्याकंन की इस प्रक्रिया में नामांकित जिलों में 2015 की स्थिति से वर्तमान में मरीजों के संक्रमण दर में कितनी कमी आई, इसका मूल्यांकन कर उपलब्धियों के आधार पर जिलों को गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल दिया गया। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के उप संचालक डॉ. धर्मेन्द्र गहवई और राज्य क्षय इकाई के अधिकारियों ने भी वाराणसी में आयोजित समिट में हिस्सा लिया। वर्ल्ड टीबी समिट में टीबी रोग को खत्म करने के लिए किए जा रहे भारत के संयुक्त प्रयास के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। राज्य और केंद्र सरकारें टीबी के उन्मूलन के लिए सक्रिय केस फाइंडिंग पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उद्यमियों की सहायता से परीक्षण की क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। मरीजों को पोषण संबंधी मदद के लिए समुदाय बड़े पैमाने पर आगे आ रहा है। इन संयुक्त प्रयासों के कारण भारत ने क्षय रोग के उन्मूलन के लक्ष्य को वर्ष 2025 तक निर्धारित किया है जबकि सतत विकास लक्ष्यों के तहत अन्य देशों द्वारा विश्व मंच पर वर्ष 2030 तक इस लक्ष्य को प्राप्त किया जाना निर्धारित किया है। विश्व क्षय दिवस पर छत्तीसगढ़ में भी सभी जिलों में टीबी के प्रति जागरूकता संबंधी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें शपथ ग्रहण, माइकिंग, नुक्कड़ नाटक, रैली तथा टीबी के मरीजों को निःशुल्क पोषण आहार वितरण जैसी गतिविधियां शामिल हैं।