० ग्राम धुड़मारास में सौर संयंत्रों की स्थापना हेतु मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी स्वीकृति
रायपुर। संयुक्त राष्ट्र टूरिज्म ने 60 देशों के श्रेष्ठ ग्रामों के लिए अलग-अलग श्रेणियों में सूची जारी की है। इसमें भारत का एकमात्र ग्राम अपग्रेडेशन यानी उन्नयन प्रोग्राम की केटेगरी में चयनित हुआ है। यह ग्राम बस्तर जिले का ग्राम धुडमारास है। यहां जंगलों के बीच बैंबू राफ्टिंग से लेकर कयाकिंग तक सुविधा उपलब्ध है। धुडमारास को इसकी अनूठी सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता और सतत पर्यटन विकास की क्षमता के कारण चुना गया है।
जाने ग्राम धुड़मारास के बारे में
• छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में धुड़मारास गांव स्थित है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित गांव घने जंगलों से घिरा हुआ है। गांव के बीच से बहती कांगेर नदी इसे और मनमोहक बना देती है।
• ग्राम धुडमारास में ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत एवं ग्राम की प्राकृतिक सुंदरता में बढ़ोत्तरी हेतु माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी द्वारा सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त ग्राम में ग्राम के गली, सड़कों एवं चौक-चौराहों को सोलर पावर प्लांटों के माध्यम से स्ट्रीट लाईटों एवं सोलर हाई मास्ट संयंत्रों से प्रकाशवान किया जायेगा एवं शुद्ध जल की उपलब्धता हेतु सोलर पेयजल पम्प की स्थापना की जायेगी। साथ ही ग्राम के स्कूल को भी सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जीकृत किया जायेगा। सौर ऊर्जा के उपयोग से ग्राम में ग्रीन एनर्जी के साथ ग्राम के प्राकृतिक सौंदर्य में भी वृद्धि होगी।
• ग्राम में स्वच्छ ऊर्जा एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से पर्यटन क्षेत्र में भी बढ़ावा मिलेगा एवं ग्रामवासियों के जीवनशैली में भी विकास हेतु अत्यंत सहायक होगा।
ग्राम धुड़मारास को सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भर बनाने में क्रेडा की भूमिका
1- प्रकाश व्यवस्था हेतुः-
सोलर हाईमास्ट संयंत्र- 09 मीटर 1200 वॉट क्षमता के 02 नग संयंत्रों के
माध्यम से ग्राम के चौक-चौराहों मे प्रकाश व्यवस्था
सोलर पावर प्लांट मय स्ट्रीट लाईट – 10.5 किलोवॉट क्षमता के सोलर पावर प्लांट से
ग्राम की गलियों में 57 नग स्ट्रीट लाईटों से प्रकाश व्यवस्था
ग्राम के शाला का सौर विद्युतीकरण – 2.4 किलोवॉट क्षमता के सोलर पावर प्लांट मय
पीडीएन के माध्यम से शाला मे विद्युत व्यवस्था
2- पेयजल व्यवस्था हेतुः-
सोलर ड्यूल पंप- 06 मीटर, 5000 लीटर क्षमता के 01 नग सोलर ड्यूल
पंप संयंत्र से ग्राम मे शुध्द पेयजल की व्यवस्था
अक्षय ऊर्जा विकास में क्रेडा की महत्वपूर्ण भूमिका
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के सी.ई.ओ. श्री राजेश सिंह राणा (आई.ए.एस.) द्वारा इन सौर संयंत्रों की शीघ्र स्थापना हेतु निविदा अनुसार इकाईयों के चयन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है तथा चयनित इकाईयों को शीघ्र कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के विकास में क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश सिंह राणा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और सी.ई.ओ.-क्रेडा के नेतृत्व में विकास की पहल
सौर ऊर्जा के उपयोग से ग्राम में ग्रीन एनर्जी के साथ ग्राम के प्राकृतिक सौंदर्य में भी वृद्धि होगी।
इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के शुद्ध नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को पूर्णतया आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिये जाने हेतु इस अभियान से ना केवल पर्यावरण संरक्षित होगा अपितु इसे रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध होंगे एवं राज्य के सतत् विकास का मार्ग भी प्रसस्त होगा।
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में ऊर्जा क्रांति
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार सौर ऊर्जा परियोजनाओं को तीव्र गति से आगे बढ़ा रही है। सरकार की नीतियों के तहत गांवों में सौर ऊर्जा से संचालित स्ट्रीट लाइट, सोलर वाटर पंप और लघु उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा है कि, “छत्तीसगढ़ के हर गांव में स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा पहुंचे, जिससे वहां के लोग आत्मनिर्भर बन सकें।
बस्तर और ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से रोशन होता भविष्य
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और क्रेडा के सीईओ राजेश सिंह राणा की प्रभावी योजनाओं के चलते प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से विकास को नई गति मिली है। बस्तर समेत अन्य पिछड़े क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे न केवल बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है। इस कार्यकलाप में सी.ई.ओ. श्री राजेश सिंह राणा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
बस्तर में विकास की नई इबारत
बस्तर जैसे सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में बिजली की समस्या हमेशा से रही है। लेकिन अब सौर ऊर्जा के माध्यम से इन इलाकों को रोशन किया जा रहा है। क्रेडा द्वारा सैकड़ों गांवों में सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइटें, सिंचाई पंप और घरों में बिजली पहुंचाने की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इससे न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो रहा है बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी सशक्त हो रही है।
ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में बढ़ते कदम
छत्तीसगढ़ सरकार और क्रेडा के सहयोग से राज्य में कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं चल रही हैं%
• सौर ऊर्जा से जलापूर्तिः गांवों में सोलर वाटर पंप लगाए जा रहे हैं] जिससे सिंचाई और पेयजल की समस्या हल हो रही है।
• सोलर हाईमास्ट लाईटें% गांवों की गलियां और चौराहे अब रात में भी रोशन हो रही हैं] जिससे सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत हुई है।
• लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावाः सौर ऊर्जा से संचालित मशीनों के माध्यम से स्थानीय उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
• ग्राम में स्वच्छ ऊर्जा एवं शुद्ध पेयजल की उपलब्धता से पर्यटन क्षेत्र में भी बढ़ावा मिलेगा एवं ग्रामवासियों के जीवनशैली में भी विकास हेतु अत्यंत सहायक होगा।
राजेश सिंह राणा & सी.ई.ओ.- क्रेडा
माननीय मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में क्रेडा के माध्यम से हम बहुत ही तेजी से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की मूलभूत आवश्यकता पानी, बिजली एवं अन्य आवश्यकताओं को सौर ऊर्जा के माध्यम से आपूर्ति कर रहे हैं। इस कार्य को सुचारू और विशेष बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं-
नियद नेल्लानार योजना
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा नक्सल प्रभावित गांवों तक बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी परियोजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए ‘नियद नेल्लानार योजना’ (आपका अच्छा गांव योजना) योजना शुरू की गई है। इस योजनांतर्गत जिला सुकमा, बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा एवं नारायणपुर में आयोजित 30 कैम्पों में सम्मिलित
113 ग्रामों में मूलभूत सुविधायें जैसे कृषि, पेयजल एवं सार्वजनिक स्थलों में प्रकाश व्यवस्था हेतु सौर ऊर्जा के माध्यम से आम जनता तक शासन द्वारा पहुंचाया जा रहा है। इस कार्ययोजना में इन सभी 05 जिलों के चयनित ग्रामों में क्रेडा की वर्तमान चलित योजनाओं के अंतर्गत सौर सुजला योजना से 231 नग सौर सिंचाई पंप, जल जीवन मिशन से 349 नग सौर पेयजल पंप, चौक-चौराहों में 133 नग सोलर हाई मास्ट संयंत्र की स्थापना सम्मिलित है।
जिला सुकमा, बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा एवं नारायणपुर के चयनित ग्रामों में अब तक सौर सुजला योजनांतर्गत कुल
14 नग सोलर सिंचाई पंप, जल जीवन मिशन अंतर्गत कुल 170 नग सोलर पेयजल पंप तथा विशेष केन्द्रीय सहायता मद् अंतर्गत जिला प्रशासन के सहयोग से कुल 75 नग सोलर हाईमास्ट संयंत्रों की स्थापना की जा चुकी है।
• आज़ादी के 78 वर्ष बाद जिला नारायणपुर के घोर नक्सल प्रभावित ग्राम मसपुर, मेटानार, कस्तुरमेटा तथा जिला दंतेवाड़ा के ग्राम बासनपुर, झिरका, कामालूर, धुरली व गामावाड़ा एवं जिला सुकमा के ग्राम पूवर्ती, सिलेगर एवं टेकलगुड़ा में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था हेतु सोलर हाईमास्ट संयंत्रों की स्थापना की गई है।
• आजादी के बाद पहली बार ग्राम पूवर्ती, सिलेगर एवं टेकलगुड़ा में सौर ऊर्जा चलित टी.व्ही. का संचालन किया जा रहा है जिससे ग्रामवासियों को देश दुनिया की खबर, मनोरंजन एवं मुख्यधारा की जानकारी आदि से दिनचर्या, जीवनशैली में बदलाव हो रहा है।
अब उन्हे यह यकीन है कि जिस तरह माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में क्रेडा सी.ई.ओ. श्री राणा द्वारा सकारात्मक पहल करते हुए क्रेडा द्वारा दूरगामी क्षेत्रों में सभी बाधाओं को पार करते हुए सौर संयंत्रों की स्थापना की गई है, इसी प्रकार अब अन्य विभागों की योजनाएं भी उनके क्षेत्रों तक पहुंच पायेगी।