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भारतमाला सड़क परियोजना घोटाला : अब प्रदेश के 11 जिलों में होगी भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच

रायपुर। भारतमाला सड़क परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में भू-अर्जन को लेकर हुए घोटाले की जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। रायपुर के अभनपुर क्षेत्र में सैकड़ों करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में भूमि अधिग्रहण मामलों की जांच के निर्देश दिए हैं।



अब रायपुर के अलावा धमतरी, कांकेर, कोण्डागांव, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा जिलों में भी मुआवजा वितरण और भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामलों की जांच होगी। इन जिलों में फर्जी नामांतरण, बंटवारा और मुआवजा वितरण में अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई हैं।

राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2019 के बाद के सभी सरकारी और गैर-सरकारी भूमि अधिग्रहण प्रकरणों की जांच के आदेश दिए हैं। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने सभी संभागीय आयुक्तों को 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट तैयार कर विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा, आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने भी राजस्व विभाग से पहले की गई जांच रिपोर्ट तलब की है। उसी आधार पर ईओडब्ल्यू घोटाले में शामिल अधिकारियों और भूमाफियाओं पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
गौरतलब है कि, भारतमाला योजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखापत्तनम तक करीब 950 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। आरोप है कि इस योजना के तहत कुछ शासकीय अधिकारियों ने भूमाफियाओं से मिलकर फर्जी दस्तावेजों और प्रक्रियाओं के जरिए करोड़ों रुपये का मुआवजा निकाल लिया।

अब तक निलंबित अधिकारी:

शशिकांत कुर्रे – तत्कालीन तहसीलदार, अभनपुर
निर्भय साहू – तत्कालीन एसडीएम, अभनपुर
लखेश्वर प्रसाद किरण – तत्कालीन नायब तहसीलदार
जितेन्द्र साहू – तत्कालीन हल्का पटवारी, नायकबांधा
दिनेश पटेल – पटवारी, हल्का क्र. 49, नायकबांधा
लेखराम देवांगन – तत्कालीन हल्का पटवारी, क्र. 24, टोकरो

 

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