मुर्शिदाबाद। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में हिंसा से बड़ी संख्या में महिलाएं प्रभावित हुई हैं। पीड़ित लोगों से मुलाकात करने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाने से पहले प्रदेश के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने घटनाओं को ‘मौत का नाच’ बताया। उन्होंने कहा कि हिंसा का रास्ता अपनाने वाली मानसिकता को जड़ से खत्म किए जाने की जरूरत है। बोस ने कहा, बंगाल में अलग-अलग जगहों से हिंसा की भयावह खबरें आ रही हैं। हमें हिंसा के पंथ को ताबूत में बंद कर ताबूत में आखिरी कील भी ठोकनी होगी। बंगाल में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए यह बेहद जरूरी है।
किसी भी कीमत पर हिंसा के खिलाफ लड़ाई
राज्यपाल बोस ने कहा, मुर्शिदाबाद और मालदा जैसी घटनाएं कभी नहीं होनी चाहिए। बंगाल की सड़कों पर कई जगहों पर मौत का तांडव चल रहा है – इस तरह की हिंसा को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने और लोगों की भावनाओं को जानने के बाद उनके पास एक कार्ययोजना होगी, जिस पर मिशन मोड में काम किया जाएगा। किसी भी कीमत पर हिंसा के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।
हिंसा प्रभावित इलाकों में राज्यपाल का दौरा
गौरतलब है कि संसद से पारित हुए वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान बंगाल में कई जगहों पर हिंसा हुई। बृहस्पतिवार को आई खबर के मुताबिक बोस हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जानकारी लेने के लिए मालदा जाएंगे। सर्किट हाउस पहुंचने के बाद राज्यपाल हिंसा से प्रभावित जगहों के साथ-साथ मुर्शिदाबाद का भी दौरा करेंगे।
हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती
हिंसा पीड़ित कई परिवार झारखंड के पाकुड़ जिले में चले गए हैं। कई परिवारों ने मालदा में स्थापित राहत शिविरों में शरण ली है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय बलों को तैनात करने का आदेश दिया था। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ समय के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल मुर्शिदाबाद में तैनात रहेंगे। अदालत पीड़ितों के पुनर्वास की निगरानी भी करेगी। मामले में जारी राजनीतिक बयानबाजी को लेकर भी कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। अदालत ने विपक्षी दल- भाजपा, सत्तारूढ़- तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और अन्य दलों के नेताओं को भड़काऊ और तनाव बढ़ाने वाले भाषण न देने का भी आदेश दिया है।
हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन
गौरतलब है कि मुर्शिदाबाद जिले के कई इलाकों में वक्फ कानून के विरोध में बीती 11-12 अप्रैल को हिंसा भड़क गई थी। ये हिंसा सुती, धुलियान और जंगीपुर इलाकों में हुई। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई और कई अन्य घायल हुए। धुलियान के मंदिरपाड़ा इलाके में कथित तौर पर कई महिलाओं का उत्पीड़न किया गया। हिंसा के चलते मुर्शिदाबाद में बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ। हिंसा की जांच के लिए नौ सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। इस एसआईटी की अध्यक्षता डीआईजी मुर्शिदाबाद रेंज करेंगे। गठित की गई एसआईटी में एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (खुफिया शाखा), दो उपाधीक्षक – एक काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स (सीआईएफ) से और दूसरा आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) से – पांच निरीक्षक (सीआईडी से चार और ट्रैफिक पुलिस से एक सहित), और सुंदरबन पुलिस जिले के तहत साइबर अपराध पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी शामिल हैं।