गरियाबंद। धूल के गुब्बारे उड़ते यह दृश्य किसी गांव खेड़े के कच्ची सड़कों का नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) 130 सी रायपुर देवभोग मार्ग का है। कोपरा और पाण्डुका के बीच उड़ते धूल को देख कोई भी अंदाजा लगा सकता हैं की रायपुर से देवभोग होते उड़ीसा को जोड़ने वाला इस सड़क में चलना कितना खतरनाक और मुश्किल भरा साबित हो सकता है। इसके बाद भी हर दिन हजारों की संख्या में लोग इसी सड़क में जान जोखिम में डालकर आवागमन करने मजबूर हैं। इन सब के बावजूद प्रशासन आंख में पट्टी बांधे हुए है।
सड़क में उड़ते धूल हर किसी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। धूल सड़क किनारे के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों व आसपास के घरों में घुस रहे हैं। उड़ते हुए धूल की वजह से सड़को में सुरक्षित चलना मुश्किल हो गया है। सामने या पीछे की ओर से आने जाने वाले वाहन धूल की वजह से दिखाई नहीं देते लिहाजा आए दिन सड़क में हादसे हो रहे हैं। धूल की वजह से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। लोगों को घुटन महसूस हो रही है।
रबी फसल में लगे धान की फसल भी धूल से प्रभावित हो रहा है। धान में धूल की परत जम गया है,किसान बड़े मेहनत से धान की फसल तैयार किया है। अब फसल की बदली हुई सूरत ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
उड़ते हुए धूल से सड़क में चलने वालों की सूरत और सीरत दोनों खराब हो रही है। आम लोगों की दिक्कत और परेशानी को नजर अंदाज करते हुए सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है।
नेशनल हाईवे 130 सी में बीते एक साल से फोरलेन सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। सड़क में मुरूम की जगह निम्न स्तरीय मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है। जिसके कारण सड़क की गुणवत्ता खराब हो रही है। इसके अलावा सड़क में डाले गए मिट्टी अब धूल बनकर उड़ रही हैं।