इंटरनेशनल न्यूज़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सऊदी अरब की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर जेद्दाह पहुंचे। जैसे ही उनका विमान सऊदी धरती पर उतरा, उन्हें 21 तोपों की सलामी देकर भव्य स्वागत किया गया। ‘रॉयल सऊदी एअरफोर्स’ के एफ-15 लड़ाकू विमानों ने एक विशेष सम्मान के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विमान को सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र में मंगलवार को सुरक्षा प्रदान की। इस कदम को दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है। मोदी ने सऊदी युवराज को ‘‘मेरा भाई” कहा।
यह सऊदी अरब की ओर से दी जाने वाली सबसे उच्च स्तर की राजकीय सम्मान की परंपरा है, जो किसी खास मेहमान के लिए ही आरक्षित होती है। यह यात्रा सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर हो रही है। मोदी की यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक मानी जा रही है। पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री चार दशकों के बाद जेद्दा आए हैं। इससे पहले इंदिरा गांधी ने 1982 में यहां दौरा किया था।‘रॉयल सऊदी एअरफोर्स’ के एफ-15 लड़ाकू विमानों ने एक विशेष सम्मान के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विमान को सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र में मंगलवार को सुरक्षा प्रदान की। इस कदम को दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है। मोदी ने सऊदी युवराज को ‘‘मेरा भाई” कहा।
भारत-सऊदी संबंध नई ऊंचाई पर
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर कहा: “सऊदी अरब के जेद्दाह पहुंचकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक रिश्ते हैं, जो पिछले एक दशक में और मजबूत हुए हैं। इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लूंगा।” भारत और सऊदी अरब के संबंध सदियों पुराने हैं। दोनों देश व्यापार, ऊर्जा सुरक्षा, प्रवासी भारतीयों के हित और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर लगातार सहयोग कर रहे हैं। भारत में करीब 2.5 मिलियन (25 लाख) सऊदी अरब में काम कर रहे प्रवासी भारतीय रहते हैं, जो दोनों देशों के रिश्तों की अहम कड़ी हैं।
कार्यक्रम और उद्देश्य
– प्रधानमंत्री मोदी रणनीतिक साझेदारी परिषद (Strategic Partnership Council) की दूसरी बैठक में हिस्सा लेंगे।
– इस परिषद की स्थापना 2019 में भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए की गई थी।
– मोदी वहां रह रहे भारतीय प्रवासी समुदाय से भी संवाद करेंगे।
– यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा और नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर कई अहम समझौतों पर भी चर्चा हो सकती है।