रायपुर। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा ज़िले के एक छोटे से गाँव सहसपुर में सोमवार की दोपहर कुछ अलग थी। धूप अपने चरम पर थी, महिलाएँ रोज़ की तरह घर के कामों में लगी थीं, बच्चे खेल रहे थे और बुजुर्ग अपनी चौखट पर बैठे बातें कर रहे थे। तभी अचानक सरकारी गाड़ियों की आहट आई। लेकिन यह कोई औपचारिक दौरा नहीं था—यह था ‘सुशासन तिहार’।
दरवाज़े पर कोई मंत्री या अफ़सर नहीं, खुद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय थे। सादा वेशभूषा, माथे पर तिलक, और हाथ में गुलाबी गमछा। उन्होंने सीधे दरवाज़े पर खड़े होकर आवाज़ दी—अमरौतिन घर में हैं?गाँव के लोग चौंक गए।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी अमरौतिन, जिनके पिता का नाम हटोई है, की नवनिर्मित पक्की छत के नीचे मुख्यमंत्री खुद बैठे। उन्होंने अमरौतिन और उनके परिवार से बात की, पूछा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ कैसे मिला, कोई दिक्कत तो नहीं हुई?
ग्राम पंचायत – सहसपुर, जनपद – साजा, ज़िला – बेमेतरा। योजना के तहत इन्हें 1.20 लाख रुपये की मंजूरी वर्ष 2024-25 में मिली, आईडी नंबर – CH-3470597। अमरौतिन की आँखों में नमी थी और चेहरे पर संतोष—“अब बच्चों को बारिश में भीगना नहीं पड़ेगा”, उन्होंने धीमे से कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी है, जिसे हमारी सरकार ने सबसे पहले निभाया। छत्तीसगढ़ में 18 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है—और अमरौतिन जी उनमें से एक हैं।”
यह न कोई मंच था, न कोई भाषण। यह था सुशासन का असली चेहरा, जो अब सीधे लोगों के दरवाज़े तक पहुँच रहा है। कोई दिखावा नहीं, केवल समाधान।
गाँव के बुजुर्ग बोले—पहली बार लगा कि सरकार हमारे बीच है। जब अमरौतिन ने हाथ जोड़कर कहा—अब हमारी छत भी पक्की है और उम्मीद भी, तो पूरा गाँव मुस्करा उठा।