दिल्ली। देशभर में मौसम का मिलाजुला असर दिखाई दे रहा है। उत्तर, मध्य और पश्चिम भारत के कई राज्यों में गर्मी कहर बरपा रही है और पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। वहीं पूर्वोत्तर और दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन से पांच दिनों के अंदर उत्तर-पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी हो सकती है .मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, ओडिशा और झारखंड में भी तापमान में 2 से 4 डिग्री तक बढ़ सकता है। इन इलाकों में लू चलने की भी चेतावनी जारी की गई है। खासकर 11 से 15 मई के बीच पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में गर्म हवाएं लोगों को बेहाल कर सकती हैं।
देश के उत्तरी इलाकों में दो सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बड़ी हलचल की संभावना है। एक विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान के पास चक्रवातीय परिसंचरण के रूप में सक्रिय है, जबकि दूसरा ट्रफ के रूप में बना हुआ है। इसके कारण 11 और 12 मई को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 40 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने, बिजली चमकने और हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी इसी दौरान आंधी और बूंदाबांदी हो सकती है।
पूर्वोत्तर में 11 से 15 तक तेज बारिश
पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में अगले पांच दिनों में तेज बारिश और आंधी की संभावना जताई गई है। खासतौर पर 11 से 15 मई के बीच असम और मेघालय में 115 मिमी या उससे अधिक बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
दक्षिण भारत में भी बदलेगा मौसम
10 से 13 मई तक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश, गरज-चमक और तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। यह किसानों के लिए राहत की खबर हो सकती है, विशेषकर जहां गर्मी और सूखे का असर महसूस किया जा रहा है।
हिमाचल में बारिश-बर्फबारी से बढ़ी ठंड, मानसून एक सप्ताह पहले आने का अनुमान
हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में मई महीने में भी ठंड का दौर जारी है। शनिवार सुबह चंबा के सचे जोत, रोहतांग समेत ऊंची चोटियों पर बर्फबारी और शिमला-कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल जैसे कई क्षेत्रों में बारिश हुई। 16 मई तक हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। इस बार हिमाचल में एक सप्ताह पहले ही 20 जून तक मानसून पहुंच सकता है। केरल से दक्षिण पश्चिम मानसून की रफ्तार सामान्य रही तो हिमाचल पहुंचने में बीते कुछ वर्षों का रिकॉर्ड टूटेगा।।प्रदेश के इतिहास में सबसे पहले साल 2000 में नौ जून को मानसून पहुंचा था। साल 2024 में 27 और 2023 में 24 जून को मानसून ने प्रवेश किया। प्रदेश में मानसून के पहुंचने की सामान्य तारीख 22 जून मानी गई है।
सबसे अधिक देरी से 5 जुलाई, 2010 को मानसून प्रदेश में पहुंचा था। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार प्रदेश में 20 जून के आसपास दक्षिण पश्चिम मानसून हिमाचल में पहुंचेगा। इस वर्ष मानसून सीजन के दौरान सामान्य बारिश के आसार हैं। 10 से 15 जून के बीच प्री मानसून बौछारें पड़ने की संभावना है। उधर, शनिवार को लाहौल की पहाड़ियों पर बर्फबारी और कुल्लू, मनाली, सिस्सू व अटल अनल के दोनों छोर में बारिश हो रही है। इससे दोनों जिला में तापमान में गिरावट आई है। सचे जोत में 5.08 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। जोत को बहाल करने का कार्य बंद हो गया है। शुक्रवार रात को शिलारू में 43.6, जुब्बड़हट्टी में 34.5, कटौला में 28.3, जटौन बैराज में 22.0, मंडी में 21.2, सराहन में 19.5, नारकंडा में 16.0, शिमला में 12.4 और चौपाल में 10.0 मिलीमीटर बारिश हुई। 16 मई तक राज्य के मध्य पहाड़ी और ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की बारिश जारी रहने के आसार हैं।
मई में अब तक सामान्य से 31 फीसदी अधिक बारिश
हिमाचल में 1 से 10 मई तक सामान्य से 31 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। इस अवधि में 22 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया, लेकिन वास्तव में 28.9 मिलीमीटर बारिश हुई। बिलासपुर में सामान्य से 351, हमीरपुर में 331, कांगड़ा में 123, मंडी में 145, शिमला में 116, सिरमौर में 309, सोलन में 269 व ऊना में 89 फीसदी अधिक बारिश हुई। चंबा में सामान्य से 1, किन्नौर में 78, कुल्लू में 28 और लाहौल-स्पीति में 47 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई।
मिजोरम में भूस्खलन, हाईवे-6 पर यातायात ठप
मिजोरम में शुक्रवार रात से जारी भारी बारिश के चलते नेशनल हाईवे-6 पर भूस्खलन हुआ। इस वजह से सेलिंग और केइफांग के बीच और चम्फाई तथा भारत-म्यांमार सीमा (आईएमबी) की ओर जाने वाले रास्ते बुरी तरह प्रभावित हुआ। स्थानीय प्रशासन और सड़क रखरखाव टीमें मलबा हटाने और यातायात बहाल करने के काम में जुटी हुई हैं। अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन यात्रियों को सलाह दी गई है कि जब तक मार्ग पूरी तरह से साफ नहीं हो जाता, तब तक इस रास्ते से यात्रा न करें।