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सीजफायर के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एडवाइजरी जारी, कहा-अपने घरों की ओर वापस न जाएं…

 



श्रीनगर। चार दिनों से जारी ऑपरेशन सिंदूर को समाप्त करने के लिए भारत और पाकिस्तान की तरफ से शनिवार शाम पांच बजे से संघर्ष विराम की घोषणा की गई, लेकिन इसके तीन घंटे बाद ही पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन करते हुए सीमा पार से एलओसी से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी शुरू कर दी।
इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने रविवार को सीमावर्ती गांवों के निवासियों से कहा कि वे अपने घरों की ओर वापस न जाएं, क्योंकि उन्हें अभी भी इन क्षेत्रों को साफ करना है और किसी भी अज्ञात गोलाबारी को हटाना है।
बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों में नियंत्रण रेखा के करीब के गांवों के 1.25 लाख से अधिक निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया क्योंकि उनके घरों को पाकिस्तानी गोलाबारी में निशाना बनाए जाने का बहुत अधिक खतरा था।

बारामूला पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

पुलिस द्वारा जारी एक सलाह में कहा गया है कि सीमावर्ती गांवों में वापस न जाएं। पाकिस्तानी गोलाबारी के बाद अज्ञात गोलाबारी के कारण लोगों की जान जोखिम में है।
जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि बम निरोधक दस्तों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा ताकि गांवों में साफ-सफाई की जा सके और उन सभी अज्ञात गोला-बारूद को हटाया जा सके जो मानव जीवन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
जारी सलाह में कहा गया है कि केवल 2023 में एलओसी के पास बचे हुए गोला-बारूद के विस्फोटों में 41 लोगों की जान चली गई, जिसमें नागरिकों के गांवों की ओर भागने के खतरों पर प्रकाश डाला गया।

कई लोगों की हुई मौतें
पुंछ जिले में बुधवार से अब तक कुल 25 मौतों में से सबसे अधिक 18 मौतें हुई हैं और 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह घटना भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद हुई थी, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया था।
भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद तत्काल प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र पर सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमति व्यक्त की।
हालांकि, कुछ घंटों बाद नई दिल्ली ने इस्लामाबाद पर इस समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। देर रात मीडिया ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान से इन उल्लंघनों को दूर करने के लिए उचित कदम उठाने और स्थिति से “गंभीरता और जिम्मेदारी” के साथ निपटने का आह्वान किया।

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