दिल्ली। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद हुए भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष पर सोमवार को एक संसदीय समिति को जानकारी दी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपराजिता सारंगी एवं अरुण गोविल आदि ने भाग लिया।
आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं-मिस्री
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, विदेश सचिव ने संसदीय पैनल को बताया कि पहलगाम हमले की जांच से पता चला है कि आतंकवादियों ने पाकिस्तान में बैठे मास्टरमाइंड से संपर्क किया था। इसके साथ ही विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वांछित आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं, भारत के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं। आतंकवाद के पनाहगाह के रूप में पाकिस्तान का पिछला रिकॉर्ड दुनिया देख चुकी है, जो ठोस तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि पाकिस्तान में आतंकियों, सैन्य खुफिया एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के बीच गहरा गठजोड़ है, जो भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है। विदेश सचिव ने संसदीय समिति को यह भी बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार संबंधित पक्षों को पाकिस्तान प्रायोजित सीमा-पार आतंकवाद के खतरे के बारे में जागरूक कर रहा है। विदेश सचिव ने कहा कि किसी अन्य देश को जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
‘सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय द्विपक्षीय स्तर पर हुआ’
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक संसदीय समिति को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष हमेशा पारंपरिक क्षेत्र में रहा है। पड़ोसी देश ने कभी ऐसा संकेत नहीं दिया कि वह परमाणु हमला कर सकता है। विदेश सचिव मिस्री सोमवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष पर जानकारी दे रहे थे। समिति के कुछ विपक्षी सदस्यों की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिका ने संघर्ष विराम कराया, मिस्री ने सरकार के इस रुख को दोहराया कि सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था। जब एक विपक्षी सदस्य ने संघर्ष विराम के बाद कई सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप की ओर से इसका श्रेय लेने के बारे में पूछा तो विदेश सचिव ने चुटकी लेते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐसा करने के लिए उनकी अनुमति नहीं ली।
सूत्रों ने बताया कि कुछ सांसदों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने संघर्ष में चीनी मंचों का इस्तेमाल किया है। मिस्री ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को तबाह कर दिया।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, कांग्रेस के राजीव शुक्ला और दीपेंद्र हुड्डा, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपराजिता सारंगी एवं अरुण गोविल आदि ने भाग लिया।यह बैठक भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करने और उसके बाद दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में हुई। भारत और पाकिस्तान 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हुए थे।
संसदीय समिति ने सर्वसम्मति से विदेश सचिव को ट्रोल करने की निंदा की
विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने सर्वसम्मति से विदेश सचिव विक्रम मिस्री को ट्रोल करने की निंदा की और उनके पेशेवर आचरण की प्रशंसा की है। बता दें कि, भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए हुए समझौते के बाद विदेश सचिव को सोशल मीडिया पर भारी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्हें राजनीतिक नेताओं, पूर्व नौकरशाहों और रक्षा दिग्गजों से समर्थन मिला था।
तुर्किये कभी भारत का समर्थक नहीं रहा
एक सदस्य की ओर से भारत के खिलाफ तुर्किये के प्रतिकूल रुख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि तुर्किये कभी भारत का समर्थक नहीं रहा है। कुछ सांसदों ने सवाल किया कि क्या पाकिस्तान ने संघर्ष के दौरान चीनी प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल था, मिस्री ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमला किया था।