दिल्ली। देश में समय से पहले आया मानसून पूर्वोत्तर में जमकर तबाही मचा रहा है। बीते तीन दिनों में पूर्वोत्तर के मणिपुर, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा में लगातार भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ में 19 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 12 हजार से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए हैं। इन राज्यों में घर गिरने से बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। नदियां उफान पर हैं। मौसम विभाग ने सभी राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है।
मिजोरम के दक्षिण मिजोरम के लॉन्गतलाई शहर में भारी बारिश के चलते हुए भूस्खलन के कारण पांच घर और एक होटल ढह गया। इसमें कई लोग फंस गए। लॉन्गतलाई जिले के सबसे बड़े नागरिक सामाजिक संगठन यंग लाई एसोसिएशन (वाईएलए) के स्वयंसेवकों के साथ राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसआरडीएफ) और तीसरी भारतीय रिजर्व बटालियन के कर्मियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-54 अवरुद्ध हो गया है, जिससे लॉन्गतलाई का संपर्क मिजोरम के सुदूर दक्षिणी जिले सियाहा से कट गया है।
भारी बारिश और भूस्खलन से असम के कामरूप मेट्रो जिले में पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं पांच जिलों में 12,000 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए। गुवाहाटी और सिलचर में बाढ़ से 10 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए। वहीं लखीमपुर में पानी ने रिंग बांध को तोड़ दिया। आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में गुवाहाटी और इसके आसपास के इलाकों में 90 से 134 मिमी बारिश हुई है तथा आगे भी भारी बारिश का अनुमान है।
भूस्खलन में नौ लोगों ने तोड़ा दम
अरुणाचल प्रदेश में भी बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचाई। यहां भूस्खलन में नौ लोगों की मौत हो गई। पूर्वी कामेंग जिले में बाना-सेप्पा खंड पर हुए भीषण भूस्खलन में सात लोगों की मौत हो गई। वहीं लोअर सुबनसिरी जिले में जीरो-कामले मार्ग पर पाइन ग्रोव क्षेत्र के पास भूस्खलन के बाद दो मजदूरों की मौत हो गई और दो अन्य को बचा लिया गया। इसके साथ ही ऊपरी सुबनसिरी जिले में बाढ़ से 100 से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए हैं। सिगिन नदी उफान पर आ गई है। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। इसमें एक से पांच जून तक बारिश का दौर जारी रहने की उम्मीद है। वहीं पूर्वी कामेंग, पूर्वी सियांग, दिबांग घाटी और पश्चिमी कामेंग सहित कई जिलों में बाढ़ का खतरा बताया है।
एक युवक की मौत, 106 घर क्षतिग्रस्त
त्रिपुरा में भारी बारिश और आंधी के कारण जिरानिया में एक व्यक्ति डूब गया। 200 से अधिक लोग बेघर हो गए। यहां 106 घर क्षतिग्रस्त हो गए। लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। जवाहर पुल के नीचे अगरतला में हावड़ा नदी का जलस्तर 10.01 मीटर तक बढ़ गया। धलाई जिले में लोंगट्राई घाटी, पश्चिमी त्रिपुरा जिले में जिरानिया और मोहनपुर, सिपाहीजाला जिले में जम्पुइजाला, तथा गोमती और दक्षिणी त्रिपुरा जिलों के कुछ हिस्सों में पेड़ गिरने के कारण सड़कें जाम हो गईं। मौसम विभाग ने यहां पर भारी बारिश की चेतावनी दी है।
बढ़ा नदियों का जलस्तर
मणिपुर में बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। नम्बुल, इरिल और नम्बोल नदी का जलस्तर भी चेतावनी स्तर तक पहुंच गया है। इंफाल पूर्वी जिले के कई इलाकों में इंफाल नदी के उफान पर होने के कारण कई इलाकों में पानी भर गया। आईएमडी ने रेड अलर्ट जारी किया है और मणिपुर में व्यापक रूप से हल्की या मध्यम वर्षा जारी रहने की संभावना जताई है। शुक्रवार को सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक बारिश हुई। शु्क्रवार को टेंग्नौपाल (115 मिमी), सेनापति (75.8 मिमी) और तामेंगलोंग (55.4 मिमी) का स्थान रहा। शनिवार सुबह तक कामजोंग में अधिकतम वर्षा (106 मिमी) दर्ज की गई। इसके बाद उखरुल (83.5 मिमी), सेनापति (52.1 मिमी) और तामेंगलोंग (50.8 मिमी) रहा।