दिल्ली। एअर इंडिया की फ्लाइट एआई 171 के हादसे में 12 जून 2025 को करीब 270 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। वहीं इसे लेकर एअर इंडिया के सीईओ ने बताया है कि उड़ान से पहले विमान और उसके इंजन में कोई गड़बड़ी नहीं थी।एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने अहमदाबाद में हुए विमान हादसे को लेकर जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि विमान का रखरखाव अच्छी तरह से किया गया था, इसकी आखिरी बड़ी जांच जून 2023 में और अगली जांच दिसंबर 2025 में निर्धारित की गई थी। इसके दाहिने इंजन की मार्च 2025 में मरम्मत की गई थी और बाएं इंजन का अप्रैल 2025 में निरीक्षण किया गया था। विमान और इंजन दोनों की नियमित रूप से निगरानी की गई थी, जिससे उड़ान से पहले कोई समस्या नहीं दिखी। हम पूरे विमानन उद्योग के साथ आधिकारिक जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।’
‘बोइंग 787 विमानों की गहन जांच जारी’
उन्होंने आगे कहा कि, 14 जून, 2025 को डीजीसीए की तरफ से निर्देश मिलने के बाद, हम अपने 33 बोइंग 787 विमानों की गहन जांच कर रहे हैं। अब तक, 26 विमानों का निरीक्षण पूरा हो चुका है और उन्हें सेवा के लिए मंजूरी दे दी गई है। बाकी विमानों का फिलहाल रखरखाव में हैं और सेवा में लाए जाने से पहले उनकी अतिरिक्त जांच की जाएंगी। उन्होंने ये भी कहा कि, समीक्षा के बाद डीजीसीए ने पुष्टि की है कि हमारे बोइंग 787 बेड़े और रखरखाव प्रक्रियाएं पूरी तरह से सुरक्षा मानकों को पूरा करती हैं।
ब्लैक बॉक्स से पता चलेगी असली वजह
विमान का ब्लैक बॉक्स (डीएफडीआर और सीवीआर) दो हिस्सों में बरामद हुआ। इसका पहला सेट 13 जून को मिला। जबकि, दूसरा सेट 16 जून को बरामद हुआ। यह विमान मॉडल दो ब्लैक बॉक्स सेट से लैस होता है, जिससे ज्यादा जानकारी मिलने की उम्मीद है।
कहाँ होगी ब्लैक बॉक्स की डिकोडिंग ?AAIB फैसला करेगा
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया कि ब्लैक बॉक्स को विदेश भेजा जा रहा है। इस पर नागर विमानन मंत्रालय ने सफाई दी है। मंत्रालय के अनुसार, AAIB तय करेगा कि ब्लैक बॉक्स की डिकोडिंग भारत में होगी या विदेश में। यह फैसला तकनीकी, सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़े सभी पहलुओं की जांच के बाद लिया जाएगा। मंत्रालय ने सभी लोगों और मीडिया से अपील की है कि बिना पुष्टि के अफवाह न फैलाएं, और जांच को गंभीरता से पूरा करने दिया जाए।
ये लोग जांच में शामिल
अहमदाबाद विमान हादसे की जांच एएआईबी की एक बहु-अनुशासनिक टीम कर रही है, जो 12 जून से सक्रिय है। इसमें अमेरिका की एनटीएसबी और विमान निर्माता कंपनी (ओईएम) की टीम भी आईसीएओ नियमों के तहत जांच में मदद कर रही है। इसमें स्थानीय प्रशासन और एजेंसियों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।