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Amazing Facts: क्या आप जानते हैं? बंगाली शादियों में दुल्हन क्यों पहनती हैं मुकुट

हमारे धर्म शास्त्रों में शादी से जुड़ी कई ऐसी प्रथाएं हैं जिनका पालन हम सदियों से करते चले आ रहे हैं। शादी की प्रथाएं हर एक क्षेत्र के अनुसार बदलती रहती हैं और सभी रस्में कुछ अलग महत्व रखती हैं।

शादियों में हल्दी, मेहंदी, जयमाल और पगफेरे की रस्म होती है उसी तरह से बंगाली शादियों में भी कुछ ऐसी रस्में हैं जिनके बारे में सभी जरूर जानना चाहते हैं। जब भी हम बंगाली दुल्हन को देखते हैं तो उनकी सबसे खास बात होती है उनके सिर पर मुकुट।

बंगाली शादियों में दुल्हन को तैयार करते समय यह मुकुट पहनना जरूरी होता है। यूं कहा जाए कि यही दुल्हन की पहचान होती है। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें कि इस इस मुकुट को पहनने के कारण क्या है और उसका महत्व क्या है।

दुल्हन के मुकुट का धार्मिक महत्व

अगर हम बंगाली दुल्हन के मुकुट के धार्मिक महत्व की बात करें तो ये पवित्रता, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह दुल्हन को बुरी शक्तियों से बचाता है और उसके वैवाहिक जीवन में ख़ुशी और सफलता लाता है। इस मुकुट से दुल्हन के जीवन में सदैव सौभाग्य बना रहता है और कोई भी नकारात्मक शक्ति दूर रहती है।


दुल्हन के मुकुट का सांस्कृतिक महत्व
सदियों से ही मुकुट बंगाली दुल्हन की पोशाक का एक पारंपरिक हिस्सा है। इसे सदियों से बंगाली दुल्हनें पहनती आ रही हैं और इसे उनकी खूबसूरती बढ़ने के साथ आने वाले वैवाहिक जीवन के आनंद के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

ऐसा माना जाता है कि यह मुकुट दम्पति के जीवन में खुशहाली लाता है और उनके रिश्ते को मजबूत बनाता है। मुकुट लगाना बंगाली दुल्हन के लिए इसलिए भी जरूर माना जाता है क्योंकि यह उनकी संस्कृति की झलक होता है।

सम्मान का प्रतीक
बंगाली दुल्हन के मुकुट को उनके सम्मान का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि ये इस बात का प्रतीक है कि शादी में दूल्हे और दुल्हन में कोई अंतर नहीं है और जिस प्रकार वर का सम्मान होता है उसी प्रकार वधु को भी सम्मान देना जरूरी माना जाता है।

खूबसूरती को बढ़ाता है बंगाली दुल्हन का मुकुट

मुकुट एक सुंदर वस्तु है जो बंगाली दुल्हन के रूप को और ज्यादा निखारता है। ये अलग-अलग डिज़ाइन में बनाए जाते हैं जिससे दुल्हन का श्रृंगार भी पूर्ण लगता है। मुकुट आमतौर पर सफेद रंग का होता है जिसे जटिल पैटर्न और डिजाइन से सजाया जाता है, अक्सर इसे लाल या सुनहरे रंग से सजाया जाता है।

इस मुकुट को सिर के शीर्ष पर पहना जाता है और इसे घूंघट के साथ रखा जाता है। मुकुट बंगाली दुल्हन परंपरा का एक त हिस्सा है और यह एक विवाहित महिला के रूप में दुल्हन की नई स्थिति का प्रतीक माना जाता है।

मुकुट पहनने के ज्योतिष कारण
बंगाली दुल्हन का मुकुट विवाहित महिलाओं के रूप में उनकी नई स्थिति का प्रतीक माना जाता है। यह उनके अधिकार और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। जब एक बंगाली दुल्हन मुकुट पहनती है, तो वह प्रतीकात्मक रूप से एक पत्नी, मां और घर की कर्ता धर्ता के रूप में सामने आती है। यह दुल्हन को किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है। जब कोई दुल्हन मुकुट पहनती है तब वो खुद को सुरक्षित महसूस करती है और भविष्य में आने वाली किसी भी नकारात्मक शक्ति से उसे सुरक्षा मिलती है।

सदियों से ही मुकुट बंगाली दुल्हन परंपरा का एक सुंदर और सार्थक हिस्सा है। यह दुल्हन की नई स्थिति, उसके अच्छे भाग्य और उसके सुखी और समृद्ध भविष्य की आशा का प्रतीक है।

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