दिल्ली। अहमदाबाद में 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के AI 171 पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की प्रारंभिक रिपोर्ट पर एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए-आई) ने कई सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप भी लगाए हैं। एसोसिएशन ने कहा, ‘जांच का लहजा और जांच की दिशा पायलट की गलती की ओर झुकाव का संकेत दे रही है। हम इस धारणा को पूरी तरह से खारिज करते हैं। हम निष्पक्ष और तथ्य-आधारित जांच पर जोर देते हैं।’
एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट कैसे हुई लीक ?
बयान में आरोप लगाया गया कि एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट मीडिया को लीक की गई। एसोसिएशन को इस बात की चिंता है कि प्रारंभिक एएआईबी रिपोर्ट बिना किसी जिम्मेदार अधिकारी के हस्ताक्षर या जानकारी के मीडिया के साथ साझा की गई।
जांच में पारदर्शिता नहीं
एसोसिएशन ने जांच में पारदर्शिता के अभाव का भी आरोप लगाया। कहा गया कि जांच पूरी तरह से गोपनीय रही। इससे विश्वसनीयता पर असर हुआ और जनता भी इससे पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है। इसके अलावा योग्य, अनुभवी कर्मियों विशेष रूप से लाइन पायलटों को अभी भी जांच दल में शामिल नहीं किया जा रहा है।
विदेशी जर्नल को कैसे पहले ही लगी खबर?
एसोसिएशन ने रिपोर्ट लीक होने के दावे भी किए। बयान में कहा गया कि वॉल स्ट्रीट जर्नल में 10 जुलाई के एक लेख में ईंधन नियंत्रण स्विच में गड़बड़ी का जिक्र था। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी संवेदनशील जांच की जानकारी अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कैसे लीक हो गई।
सर्विसेबिलिटी बुलेटिन का जिक्र
एसोसिएशन ने कहा कि रिपोर्ट में ईंधन नियंत्रण स्विच गेट्स से संबंधित एक सर्विसेबिलिटी बुलेटिन का जिक्र है, जो संभावित उपकरण खराबी का संकेत देता है। जब तक बुलेटिन मौजूद है, एसोसिएशन इस बात पर स्पष्टता चाहता है कि क्या बुलेटिन की सिफारिशों को उड़ान से पहले लागू किया गया था।
एसोसिएशन ने कहा ने कहा कि जांच का लहजा और दिशा पायलट की गलती की ओर झुकाव का संकेत देती है। हम इस धारणा को साफ तौर पर खारिज करते हैं और निष्पक्ष, तथ्य-आधारित जांच पर जोर देते हैं।
पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल किए जाने की मांग
एसोसिएशन ने कहा कि हम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच प्रक्रिया में कम से कम पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल किए जाने के अपने अनुरोध को दोहराते हैं।
रिपोर्ट में क्या-क्या दावे किए गए?
० अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की शुरुआती रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (एआई 171) 12 जून को जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने लगा तो केवल तीन सेकेंड बाद ही ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई। टेकऑफ के बाद दोनों इंजनों की ईंधन आपूर्ति बंद होते ही केवल 29 सेकेंड बाद विमान मेघाणीनगर में क्रैश हो गया।
० एएआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ के समय ईंधन सप्लाई बंद होते ही इंजनों की पंखे की गति कम होने लगी थी। 213.4 टन वजन के साथ उड़ा विमान हवाई अड्डे की परिधि की दीवार पार करने से पहले ही नीचे आने लगा। इस समय विमान में 54,200 किलोग्राम फ्यूल था और टेक-ऑफ वजन 2,13,401 किलोग्राम रहा, जो अधिकतम अनुमत वजन 2,18,183 किलोग्राम से कम था।
० रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरक्राफ्ट ने 180 नॉट्स की अधिकतम रफ्तार हासिल की और उसी दौरान दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच रन से कटऑफ में बदल गए। इन दोनों स्विच में सिर्फ 1 सेकंड का अंतर था।
० एएआईबी ने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का भी विश्लेषण किया। इसमें एक पायलट दूसरे से पूछता है, “तुमने कटऑफ क्यों किया? जवाब मिलता है, “मैंने नहीं किया।” इससे अंदेशा है कि ये कटऑफ स्वचालित या तकनीकी गड़बड़ी के चलते हुआ, जिसे अब गहराई से जांचा जा रहा है।
० रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि पायलटों ने दोनों इंजनों को फिर से शुरू करने की कोशिश की। इंजन-1 दोबारा शुरू होने लगा और उसकी गति रिकवर होने लगी, लेकिन इंजन-2 बार-बार फ्यूल रीइंट्रोड्यूस करने के बावजूद पर्याप्त गति नहीं पकड़ पाया।