दिल्ली । अंतरिक्ष के ऐतिहासिक सफर के बाद एक्ज़िओम-4 (Axiom-4) मिशन में शामिल भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनकी तीन सदस्यीय टीम मंगलवार को पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आई है। उनकी 22.5 घंटे की यात्रा के बाद ड्रैगन यान कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में सफलतापूर्वक उतरा। स्पेस से लौटे शुभांशु शुक्ला की पहली तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें वे मुस्कुराते हुए दिखाई दे रहे हैं।
चेहरे में मुस्कान लिए ड्रैगन यान से बाहर निकले शुभांशु शुक्ला
अंतरिक्ष यान से बाहर निकलने के बाद मिशन पायलट शुभांशु शुक्ला मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ ड्रैगन अंतरिक्ष यान से बाहर आए और 18 दिनों में पहली बार गुरुत्वाकर्षण का अनुभव किया। सबसे पहले कमांडर पैगी व्हिटसन गन अंतरिक्ष यान से निकलीं और उसके बाद शुभांशु शुक्ला बाहर निकले। सभी चारों अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रूप से यान से बाहर आ गए हैं। धरती पर लौटने के बाद अब शुभांशु शुक्ला और एक्ज़िओम-4 टीम को 10 दिन तक आइसोलेशन में रहना होगा जिसके बाद ही उनका सामान्य जीवन शुरू हो पाएगा।
“आज का भारत ‘सारे जहां से अच्छा’ दिखता है”: शुभांशु शुक्ला
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर रविवार (13 जुलाई, 2024) को हुए विदाई समारोह में शुभांशु शुक्ला ने एक भावनात्मक संदेश दिया था। उन्होंने कहा, “जल्द ही धरती पर मुलाकात करते हैं।”
शुक्ला, राकेश शर्मा के 1984 में अंतरिक्ष की यात्रा करने के बाद दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। एक्ज़िओम-4 मिशन के साथ भारत, पोलैंड और हंगरी ने चार दशकों से भी अधिक समय के बाद अंतरिक्ष में अपनी वापसी दर्ज कराई है।
राकेश शर्मा को याद करते हुए शुभांशु शुक्ला ने अपने संदेश में कहा था कि 41 साल पहले एक भारतीय ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी और बताया था कि वहाँ से भारत कैसा दिखता है। शुभांशु ने आगे कहा, “हम सभी आज भी यह जानने को उत्सुक रहते हैं कि ऊपर से आज भारत कैसा दिखता है। आज का भारत महत्वाकांक्षी दिखता है… आज का भारत निडर दिखता है… आज का भारत आश्वस्त दिखता है… आज का भारत गर्व से पूर्ण दिखता है। इन सभी कारणों से मैं एक बार फिर कह सकता हूं कि आज का भारत अब भी ‘सारे जहां से अच्छा’ दिखता है। जल्द ही धरती पर मुलाकात करते हैं।”
शुभांशु शुक्ला का यह सफल मिशन भारत के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।