० छत्तीसगढ़ में कलाकारों की हालत सबसे दयनीय- अवस्थी
० मानदेय में कटौती, भेदभाव, धांधली, न फिल्मसिटी, न सब्सिडी, न चक्रधर समारोह, न नियुक्ति
० 5 साल में कांग्रेस को क्यो नही आई कलाकारों की याद
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक व छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष राजेश अवस्थी, भाजपा नेता छत्तीसगढ़ सिनेमा के विख्यात कलाकार पद्मश्री अनुज शर्मा, सुश्री मोना सेन ने एकात्म परिसर कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस सरकार पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति के साथ क्रूर मजाक करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जाये के बेरा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कलाकारों की सुध आई है। वे कलाकारों के कल्याण के लिए नहीं बल्कि अपना मतलब निकालने के लिए कलाकारों को न्यौता दे रहे हैं। सब ढोंग है। इस सरकार ने राजभाषा आयोग का अध्यक्ष तक नहीं बनाया। फिल्म आयोग का अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया। रायगढ़ में होने वाले चक्रधर समारोह पर ग्रहण लगा दिया। तीन साल से यह प्रसिद्ध समारोह नहीं हुआ। चौथे साल भी आसार नहीं हैं। कलाकारों के मानदेय में कटौती और भेदभाव चल रहा है। भाजपा सरकार द्वारा तय फिल्मसिटी की जमीन अन्य प्रयोजन के लिए दे दी। कोई सब्सिडी नहीं दी गई। अब तक फार्मेट तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री के बाहरी सलाहकार के भरोसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति छोड़ दी है। संस्कृति विभाग के संचालक वरिष्ठ कलाकारों का अपमान करते हुए कहते हैं कि यह तुम्हारे बाप का नहीं है। पद्मश्री अलंकृत विभूतियों की, लोक कलाकारों की कोरोना काल में कोई मदद नहीं की। कई कलाकारों की मृत्यु हो गई। फिल्मसिटी बनाने का वादा भूल गए। फिल्मों को सब्सिडी सहित टेक्नालॉजी विकास तक एक कदम आगे नहीं बढ़े। छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति के अवमूल्यन का अपराध कांग्रेस ने किया है।
भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक राजेश अवस्थी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं लोककला को जीवित रखने के लिए ही स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृव में भाजपा ने छत्तीसगढ़ को अलग राज्य की पहचान दी थी। उसी उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति के लिए समर्पित कलाकारों को देश के सर्वोच्च सम्मान में से एक पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। लेकिन अब छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार कला क्षेत्र में राजनीति घुसेड़ रही है। छत्तीसगढ़ में कलाकारों की स्थिति सबसे दयनीय है।
भाजपा नेता पद्मश्री अनुज शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विदाई की बेरा में कलाकारों की सुरता क्यों आई है, कलाकार इसे समझ रहे हैं। भाजपा के शीर्ष नेता जब भी समय-समय पर छत्तीसगढ़ दौरे पर आये हैं, छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों से भेंट कर छत्तीसगढ़ की संस्कृति के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया है। छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को जीवित रखने के लिए छत्तीसगढ़िया लोक कलाकारों के लिए भाजपा द्वारा पेंशन देने का एक प्रमुख फैसला लेकर उनकी सेवा करने का फैसला लिया गया था। कांग्रेस सरकार ने कलाकारों की सुध लेने की बजाय राजनीतिकरण कर दिया। वरिष्ठ कलाकार वंचित हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति के संवाहकों को छलने की सारी सीमाएं लाँघ चुकी है। उसी कड़ी में कांग्रेस ने हमारे लोक कलाकारों और साहित्यकारों को भी पेंशन न देकर छलने का काम किया है।
कांग्रेस शासन में आज प्रदेश के कलाकारों की दयनीय स्थिति मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दावों की पोल खोलते हुए हकीकत से परे नज़र आती है। जांजगीर- चांपा के चिन्हारी पोर्टल में जिले की 590 मानस मंडलियों ने अपना पंजीयन कराया था। मगर राज्य सरकार द्वारा 100 मंडलियों को छोड़ दिया गया।
भाजपा नेताओं ने कहा कि एक जमाने में अपनी कला से लोगों की तालियां बटोरने वाले छत्तीसगढ़ के पुराने कलाकार आज कांग्रेस शासन में अपने इलाज के लिए पैसे भी नहीं जुटा पा रहे हैं। लोक कलाकारों को अपमानित करने का सिलसिला यहाँ तक पहुँच गया कि मल्हार में होने वाले मल्हार महोत्सव के आयोजन को भी भूपेश सरकार द्वारा रोका गया।
नाचा, गम्मत, पंडवानी, जसगीत और लोकसंगीत से जुड़े कई कलाकार गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई मंत्री और विभाग नहीं है।कलाकारों के आर्थिक मदद के लिए संस्कृति विभाग द्वारा कलाकार कल्याण कोष बनाया गया है, लेकिन कल्याण कोष से कलाकारों की कोई मदद नहीं मिल रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कलाकारों के साथ तस्वीर खिंचवाकर अपनी राजनीति चमकाने के अलावा कभी कलाकारों के हित में भी कुछ कर लेते तो यह स्थिति नहीं होती। मुख्यमंत्री प्रचारमंत्री बनकर रह गए हैं। सब हवा-हवाई चल रहा है। जमीनी हकीकत से दूर सिर्फ पोस्टर एवं सोशल मीडिया तक ही सीमित हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल जानते हैं कि इस बार जनता ने छत्तीसगढ़ में परिवर्तन करने का मूड बना लिया है। इसीलिए डर के कारण लोक कलाकारों की लोकप्रियता एवं उनके प्लेटफॉर्म का अपनी व्यक्तिगत राजनीति के लिए फायदा उठाना चाहते हैं। लेकिन यह चालबाजी कोई काम नहीं आने वाली।प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी आरटीआई प्रकोष्ठ से वात्सल्य मूर्ति माजूद रहे।