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Breaking : छत्तीसगढ़ के बोरे -बासी घोटाले की होगी जांच, मंत्री लखनलाल देवांगन ने सदन में की घोषणा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बोरे-बासी घोटाले की जांच विधायकों की समिति करेगी। विधानसभा में आज इस मुद्दे को भाजपा विधायक राजेश मूणत, अजय चंद्राकर और धर्मजीत सिंह ने जोर-शोर से उठाया। विधायकों की मांग पर श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने सदन में विधायकों की एक टीम बनाकर जांच कराने की घोषणा की। बता दें कि, छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में बोर-बासी दिवस मनाया जाता था।



दरअसल, कांग्रेस शासनकाल के दौरान 1 मई यानी श्रमिक दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ी खान-पान को बढ़ावा देने बोरे-बासी खिलाने का प्रावधान किया गया। इस तामझाम में भूपेश बघेल की सरकार ने 8 करोड़ से अधिक खर्च कर दिया था। इसका खुलासा सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मिली जानकारी से हुआ है। दस्तावेजों के अनुसार, राजधानी रायपुर में बोरे-बासी खिलाने पर 8 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई थी। यह राशि सिर्फ राजधानी रायपुर में खर्च की गई है। वह भी बिना किसी सरकारी निविदा के खर्च की गई।

आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2020 में बैगर निविदा के 3 करोड़ का कार्य मेसर्स शुभम किराया भंडार से कराया गया। वहीं 2023 में बगैर निविदा के 8 करोड़ 32 लाख का कार्य मेसर्स व्यापक इंटरप्राईजेस से कराया गया था। यह सिलसिला वर्ष 2024 में भी जारी रहा, जब बैगर निविदा के लगभग 3 करोड़ का कार्य मेसर्स व्यापक इंडरप्राईजेस से कराया गया। आरटीआई कार्यकर्ता आशीष सोनी ने इस मामले में आरोप लगाया कि इसमें बड़े पैमाने पर मिलीभगत हुई है। उन्होंने कहा कि 1 मई को श्रमिक दिवस के मौके पर एक बार फिर वही चहेती इवेंट कंपनी को बिना निविदा कार्य दिया जा रहा है।

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