मुंबई। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भूस्खलन के कारण चार लोगों की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार कम से कम 100 लोगों के फंसे होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को भूस्खलन के स्थल पर भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन में घायल हुए 20 से अधिक लोगों को नवी मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गांव रवाना हो गए हैं।
एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को रायगढ़ में भूस्खलन की घटना पर दुख व्यक्त किया, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने मृतकों के परिवारों को पांच लाख रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की।
महाराष्ट्र में सबसे बड़ा भूस्खलन
अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन बुधवार रात करीब 11 बजे मुंबई से करीब 70 किलोमीटर दूर खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में हुआ। यह गांव माथेरान और पनवेल के बीच स्थित इरशालगढ़ किले के पास स्थित है। यह किला प्रबलगढ़ का एक सहयोगी किला है। इरशालवाड़ी एक आदिवासी गांव है जहां पक्की सड़क नहीं है। मुंबई-पुणे राजमार्ग पर चौक गांव निकटतम शहर है। जिला प्रशासन ने खोज और बचाव कार्यों में मदद के लिए ट्रेकर्स समूहों से अनुरोध किया है।
30 जुलाई 2014 को पुणे जिले की अंबेगांव तहसील के मालिन गांव में हुए भूस्खलन के बाद यह महाराष्ट्र में सबसे बड़ा भूस्खलन है। भारी भूस्खलन ने लगभग 50 परिवारों वाले पूरे आदिवासी गांव को निगल लिया था। जब बचाव अभियान रोक दिया गया तो मरने वालों की अंतिम संख्या 153 थी। पुराने गाँव में स्कूल भवन के अलावा कुछ भी नहीं बचा है।