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कब है नागपंचमी 28 या 29 जुलाई? इस बार बने कई शुभ योग, जानें तारीख और पूजा विधि और महत्व

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सावन मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पूजा पाठ करने से कालसर्प दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है। इस बार नागपंचमी पर कई शुभ योग का संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं नाग पंचमी कब मनाई जाएगी। साथ ही जानें नाग पंचमी पर कौन से शुभ योग बने हैं और महत्व।

कब है नाग पंचमी ?

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 28 तारीख को रात में 11 बजकर 25 मिनट पर आरंभ होगी और 29 तारीख को रात में 12 बजकर 47 मिनट तक तिथि रहेगी। उदय तिथि का अनुसार, नाग पंचमी तिथि 29 तारीख को ही मनाई जाएगी। इस बार नाग पंचमी तिथि पर शिव योग, रवि योग और लक्ष्मी योग का बेहद शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही इस दिन सावन का मंगलवार होने के कारण इस बार नाग पंचमी पर मंगला गौरी व्रत का संयोग भी है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए जप तप का शुभ फल मिलता है।

नाग पंचमी का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष है तो इस दिन नाग पूजा करने से काल सर्प दोष का नकारात्मक प्रभाव कम होता है। साथ ही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,यह पर्व नाग देवता का प्रति सम्मान और उनकी सुरक्षा का प्रतीक भी है। कहा जाता है कि इस दिन पूजा करने से घर में खुशियां और सुख समृद्धि बनी रहती है।

नाग पंचमी पूजा विधि
० नागपंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर साफ वस्त्र धारण करें इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर नाग देवता की प्रतिमा स्थापित करें अगर आपके पास मूर्ति नहीं है तो आप आटे की सर्प बनाकर पूजा कर सकते हैं।
० इसके बाद नाग देवता को दूध, जल, हल्दी, चावल, फूल, रोली,मिठाई आदि चीजें नाग देवता को अर्पित करें और ओम नागदेवाय नम: मंत्र का जप करें।
० फिर नाग पंचमी की कथा का पाठ करें और नाग देवता की प्रतिमा का दूध से अभिषेक करें और अंत में हाथ जोड़कर पूजा में हुई भूल के लिए माफी मांगे।

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