० ग्रामीणों ने खुलकर रखे सवाल,स्वास्थ्य, रोजगार, जलस्रोतों के प्रभाव के मुद्दे उठाए
रायपुर। नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड की प्रस्तावित नहरदीह-मगईपुर चूना पत्थर खदान परियोजना के लिए 25 जुलाई को खरोरा तहसील के पचरी, अलेसुर, छड़िया, मोटीमपुर खुर्द और मगईपुर गांवों में एक महत्वपूर्ण जनसुनवाई सफलतापूर्वक आयोजित की गई। यह जनसुनवाई परियोजना की पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने की दिशा में एक अनिवार्य कदम था, जिसे छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल (सीईसीबी) और रायपुर जिला प्रशासन के सहयोग से पूरा किया गया।
ग्रामीणों को दी गई विस्तृत जानकारी :
इस परियोजना में सालाना 1.5 मिलियन टन चूना पत्थर, 0.075 मिलियन टन ऊपरी मिट्टी, और 0.88 मिलियन टन ओवरबर्डन का खनन प्रस्तावित है, जिससे कुल 2.45 मिलियन टन प्रति वर्ष की खुदाई होगी। परियोजना स्थल पर 400 टन प्रति घंटे की क्षमता वाला एक मोबाइल क्रशर भी स्थापित किया जाएगा। कुल खनन कार्य 365.252 हेक्टेयर भूमि पर किया जाएगा।
ग्रामीणों की भागीदारी और कंपनी का स्पष्टीकरण
जनसुनवाई में बड़ी संख्या में ग्रामीण, पंचायत प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने परियोजना के पर्यावरणीय प्रभावों, जल प्रबंधन, संभावित रोजगार के अवसरों, धूल नियंत्रण उपायों, पुनर्वास योजना और क्षेत्रीय विकास से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी।
ग्रामीणों ने खुलकर अपनी चिंताएं और सवाल रखे, जिनमें जल स्रोतों पर प्रभाव, स्वास्थ्य और रोजगार से संबंधित मुद्दे प्रमुख थे। परियोजना प्रबंधन टीम और प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी सवालों के संतोषजनक जवाब दिए, जिससे स्थानीय समुदाय संतुष्ट दिखा।
पारदर्शिता और सहभागिता का सफल उदाहरण
यह जनसुनवाई पर्यावरणीय प्रक्रियाओं का एक महत्वपूर्ण चरण था, जो पूरी पारदर्शिता और सहभागिता के साथ संपन्न हुआ। इसने न केवल परियोजना के बारे में जागरूकता बढ़ाई, बल्कि स्थानीय लोगों की भागीदारी के माध्यम से परियोजना के सामाजिक दायित्वों को भी मजबूत किया।