दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दो कैथोलिक ननों (Catholic nuns) की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ आरोपों को लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा पर धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन करने का आरोप लगाया है। यह मामला तब सामने आया जब तीन व्यक्तियों, जिनमें दो कैथोलिक ननें और एक अन्य व्यक्ति शामिल थे, को रेलवे पुलिस ने मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, इन ननों को कथित रूप से धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया, और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
गिरफ्तार होने वाली ननें, प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस, जो आगरा से आई थीं, और सुखमण मंडावी, जो नारायणपुर से थीं, को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। ये तीनों महिलाएं कथित रूप से 18 से 20 वर्ष की तीन युवतियों के साथ थीं, जो दक्षिण बस्तर के नारायणपुर जिले से थीं। यह समूह आगरा में प्रशिक्षण और रोजगार के अवसरों के लिए यात्रा करने की योजना बना रहा था।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इन्हें स्टेशन पर देखा और आरोप लगाया कि यह समूह धर्मांतरण के लिए युवतियों को ले जा रहा था। इसके बाद बजरंग दल ने दुर्ग GRP पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इन ननों और अन्य आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
राहुल गांधी और के.सी. वेणुगोपाल का विरोध
इस घटना को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और के.सी. वेणुगोपाल ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। राहुल गांधी ने X पर लिखा, “छत्तीसगढ़ में कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के लिए निशाना बनाया गया और उन्हें जेल भेजा गया। यह न्याय नहीं है, यह भाजपा-आरएसएस की भीड़तंत्र की हुकूमत है। यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है, जिसमें इस सरकार के तहत अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित उत्पीड़न हो रहा है।”
वहीं, के.सी. वेणुगोपाल ने भी X पर लिखा, “यूडीएफ सांसदों ने आज संसद के बाहर छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी और उत्पीड़न के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उन्हें बिना किसी गलत काम के हिंसक भीड़ द्वारा निशाना बनाया गया।” वेणुगोपाल ने यह भी बताया कि कांग्रेस ने गृह मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को इस अवैध गिरफ्तारी पर पत्र लिखा है।