छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या हुई दोगुनी, रिपोर्ट में कई नई संभावनाएँ आई सामने

० रिपोर्ट के अनुसार, अचनकमार टाइगर रिजर्व में अब पहली बार 15 वर्षों बाद बाघों का लिंग अनुपात संतुलित पाया गया है
रायपुर। छत्तीसगढ़ के अचनकमार टाइगर रिजर्व (Achanakmar Tiger Reserve) में बाघों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि देखने को मिली है। 2017 में जहां यहां सिर्फ पांच बाघ थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 10 हो गई है। यह जानकारी विश्व वन्यजीव कोष (WWF) इंडिया और राज्य वन विभाग द्वारा जारी की गई ताज़ा रिपोर्ट में दी गई है। यह वृद्धि टाइगर रिजर्व के लिए सकारात्मक संकेत है, क्योंकि अब यहां प्रजनन योग्य उम्र के बाघों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, अचनकमार टाइगर रिजर्व में अब पहली बार 15 वर्षों बाद बाघों का लिंग अनुपात संतुलित पाया गया है। पिछले साल, रिजर्व में तीन बाघ और सात बाघिनों की तस्वीरें कैद की गईं, जबकि 2017 में यहां चार बाघ और केवल एक बाघिन ही थी।
आगे बढ़ने के लिए स्थिति उपयुक्त
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि “बाघों की संख्या और शिकार की स्थिति में सुधार हुआ है, जिससे यह प्रतीत होता है कि बाघों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ सकती है।”
यह डेटा 2017 से 2024 तक के कैमरा ट्रैप और लाइन ट्रांसटेक्स्ट डेटा पर आधारित है। लाइन ट्रांसटेक्स्ट एक तकनीक है, जिसमें एक रेखा पर चलकर जानवरों की गिनती की जाती है।
बाघों के शिकार में भी इज़ाफा
इसके साथ ही, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बाघों के शिकार, विशेष रूप से जंगली जानवरों की संख्या भी 2019 से 2024 के बीच बढ़ी है।
“अचनकमार और छापरवा रेंज में जंगली शिकार की घनत्व सबसे अधिक पाई गई है, जो उन क्षेत्रों से मेल खाती है, जहां बाघों की गतिविधि लगातार देखी गई। वहीं, लमनी और सुराही जैसे क्षेत्रों में शिकार की घनत्व कम और बाघों की मौजूदगी भी सीमित है, जिससे भविष्य में इन क्षेत्रों में सुधार की संभावना जताई जा सकती है,” रिपोर्ट में उल्लेख किया गया।