० विष्णुदेव साय सरकार ने उपभोक्ताओं को बिजली निर्माता बनाने की पहल की
रवि भोई
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने कांग्रेस की पिछली सरकार की बिजली बिल हाफ योजना के मुकाबले मुफ्त बिजली की अवधारणा लांच की है। विष्णुदेव साय सरकार सस्ती की जगह मुफ्त बिजली की राह पर चलकर अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली निर्माता बनाना चाहती है। लोग अपने छतों को बिजली घरों में तब्दील कर सकते हैं, वह भी कम से कम लागत पर। साथ में उन्हें केंद्र और राज्य सरकार से अनुदान भी मिलेगा। सरकार के इस कदम से राज्य में बिजली की उपलब्धता बढ़ने के साथ उपभोक्ताओं को आमदनी भी होगी। वे सरप्लस बिजली बेच भी सकते हैं। विष्णुदेव सरकार की नई अवधारणा पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुकूल लगती है। घरों की छत पर बिजली पैदा करने से न धुआं उठेगा, न ही आसमान काला होगा।
समय के साथ योजनाओं में बदलाव जरुरी होता है और सरकारों की भी जिम्मेदारी होती है कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाए। 400 यूनिट मासिक बिजली खपत पर छूट में बदलाव को लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम भी माना जा रहा है। इस छूट के बदले राज्य सरकार को कहीं न कहीं से विद्युत् मंडल के नुकसान की भरपाई करनी पड़ती है। अब लोग प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना से अपने को जोड़ेंगे तो उन्हें भी फायदा होगा और राज्य को भी। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना में उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र और राज्य सरकारों से अधिकतम 1,08,000 रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना के तहत एक किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट से प्रतिमाह औसतन 120 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है, जिस पर 30,000 रूपए केंद्र से और 15,000 रुपए राज्य से, कुल 45,000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसमें उपभोक्ता को लगभग 15,000 रुपए स्वयं वहन करने होते हैं। इसी प्रकार 2 किलोवॉट प्लांट से औसतन 240 यूनिट उत्पादन संभव है, जिस पर 60,000 केंद्र सरकार से और 30,000 राज्य सरकार से मिलती है। उपभोक्ता को केवल 30,000 खर्च करना होता है। 3 किलोवॉट क्षमता के प्लांट से प्रतिमाह औसतन 360 यूनिट उत्पादन संभव है, और इसमें 78,000 केंद्र सरकार से और 30,000 राज्य सरकार से यानी कुल 1,08,000 की सहायता मिलती है। उपभोक्ता को 72,000 वहन करना पड़ता है।पीएम सूर्यघर योजना के तहत सोलर प्लांट लगाने के लिए उपभोक्ताओं को 6 फीसदी की दर से 10 साल के लिए लोन भी दिया जा रहा है। लोन का भुगतान किश्तों में करना है।
मासिक किश्त भी अधिकतम 800 रुपए तक। 400 यूनिट तक बिजली जलाने वाले तो इससे कहीं अधिक बिजली बिल भर देते हैं। 2 किलोवॉट या अधिक क्षमता वाले प्लांट लगाने वाले उपभोक्ता प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन 25 साल तक कर सकते हैं, जो हॉफ बिजली योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट रियायत) से भी ज्यादा है। ऐसे उपभोक्ता अपने घर में सौर ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत का उपयोग कर न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर आय भी अर्जित कर सकते हैं। हाफ बिजली बिल योजना में बदलाव को भले ही कुछ राजनीतिक दल मुद्दा बनाने की कोशिश में लगे हों, पर बदलाव के उजले पक्ष को भी देखा जाना चाहिए।
विष्णुदेव साय की सरकार ने नई अवधारणा लांच कर एक ओर बिजली उपभोक्ताओं के सुनहरा अवसर का द्वार खोला है, तो गरीबों और कम बिजली खर्च करने वालों का हक़ बरकरार रखा है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को 30 यूनिट बिजली फ्री में मिलती रहेगी। सौ यूनिट बिजली जलाने वाले हाफ के दायरे में रहेंगे, याने उन्हें बिजली बिल में 50 फीसदी की छूट मिलती रहेगी। भूपेश बघेल की सरकार ने 400 यूनिट बिजली खर्च करने वालों को 50 फीसदी छूट के दायरे में रखा था। अब जब लोग बिजली पैदा कर मुनाफा कमाने की दिशा में अग्रसर होंगे तो छूट का मायने नहीं रह जाएगा।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ वर्तमान में राज्य में लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनमें से 31 लाख उपभोक्ताओं की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। 31 लाख उपभोक्ताओं में 15 लाख बीपीएल परिवार हैं। माना जा रहा है कि 31 लाख उपभोक्ता, जो कुल घरेलु उपभोक्ता के 70 फीसदी हैं, ये सरकारी योजना के दायरे में ही रहेंगे और 30 फीसदी उपभोक्ता बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर जाएंगे, तो आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ बिजली का बड़ा सप्लायर राज्य बन जाएगा। अभी राज्य के सरकारी बिजली संयंत्रों से करीब 3000 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है। इसमें पन बिजली भी शामिल है। यह अलग बात है कि एनटीपीसी और निजी उत्पादकों की हिस्सेदारी मिलाकर छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली स्टेट है और यहां के लोगों को बिजली कटौती से रूबरू नहीं होना पड़ता। पर आंधी -तूफान या अन्य कारणों से लोग बिजली कटौती से परेशान हो जाते हैं। कोई इनवर्टर तो कोई जेनरेटर का सहारा लेता है। अपने घर पर ही बिजली पैदा होगी तो लोगों को आंधी-तूफान से बिजली गुल की चिंता नहीं रहेगी। अब छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने हाफ बिजली से मुफ्त बिजली का संकल्प लिया है। इस संकल्प को साकार करने के लिए हाफ बिजली योजना में संशोधन तो जरुरी था। उम्मीद है कि राज्य के लोग बदलाव को स्वीकार करेंगे और मुफ्त बिजली की तरफ कदम बढ़ाएंगे। अभी राज्य में करीब 5000 उपभोक्ताओं के घरों में पीएम सूर्यघर योजना के तहत सोलर संयंत्र लग चुके हैं और आने वाले दिनों में यह गति बढ़ेगी।