बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान, बिलासपुर (छ0ग0) में भर्ती मरीजों के लिए आयुष्मान कार्ड वरदान साबित हुआ है। विगत 5 वर्षो में अब तक 598 भर्ती मरीजों का मेजर सर्जरी एवं 3227 माइनर सर्जरी किया जा चूका है। पुरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों के दन्त चिकित्सा विभागों में से सिर्फ सिम्स के दन्त चिकित्सा विभाग द्वारा 4000 के लगभग मरीजों का सफलता पूर्वक इलाज किया जा चूका है। सबसे महँगा कहे जाने वाला TMJ प्रत्यारोपण जिसमे जबड़े के जॉइंट का प्रत्यारोपण किया जाता है; जिसे निजी अस्पतालों में करवाने पर लाखो रूपए का खर्चा करना पड़ता है; का सिम्स में दन्त चिकित्सा विभाग के द्वारा जटिल सर्जरी को आधुनिक तकनीक से आयुष्मान से नि:शुल्क किया गया।
छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान, बिलासपुर (छ0ग0) के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति एवं संयुक्त संचालक एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ.लखन सिंह के दिशा-निर्देश एवं डॉ. भूपेंद्र कश्यप के मार्गदर्शन में ऐसे गरीब मरीजों का आयुष्मान कार्ड द्वारा नि:शुल्क इलाज उपलब्ध करने में आगे है।
अवगत हो कि वर्ष 2019 से 2025 तक अब तक सिम्स के दन्त चिकित्सा विभाग के द्वारा सड़क दुर्घटना (ट्रामा) के 550 मरीज, मुख-कैंसर के 26 मरीज, भालू काटने का 2 मरीज, चेहरे की विषमता TMJ ANKYLOSIS के 10 मरीज , कोरोना काल का काला फंगस इन्फेक्शन( Mucormycosis infection) के 9 मरीज, दाँत निकालने का 3227 मरीजों का सफलता पूर्वक इलाज किया जा चूका है।
सड़क दुर्घटना में सामान्यतः चहरे के निचले जबड़े में दाएं / बाएं साइड फ्रैक्चर (Mandible Fracture) , Condyle फ्रैक्चर, ऊपरी जबड़े में दाएं या बायें तरफ की हड्डी टूट जाना (Right / Left maxilla fracture ), जायगोमैटिक काम्प्लेक्स फ्रैक्चर (ZMC ), नाक़ की हड्डी का फ्रैक्चर (Nasal bone), माथे की हड्डी फ्रैक्चर (Frontal bone fracture), की हड्डियां टूट जाती है। इन सभी हड्डियां जब एक साथ टूट जाये तो उसे Panfacial फ्रैक्चर कहते है। अवगत हो कि प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री श्री विष्णु देव साय जी के गृह जिले का मरीज धीर साय का सड़क दुर्घटना में चेहरे की सारी हड्डियां टूट गया था तथा चेहरा विकृत हो गया था; जिसका सिम्स के दन्त चिकित्सा विभाग के द्वारा सर्जरी / प्लेटिंग की गई; जिसकी प्रशंसा स्वयं माननीय मुख्य मंत्री श्री विष्णु देव साय जी ने की।
आप को यह जानकर ख़ुशी होगी कि फ्रैक्चर की बेहतर इलाज की सुविधा को जानते हुए पड़ोसी राज्य से भी मरीज यहाँ आकर अपने दुर्घटनाग्रस्त टूटे हुए जबड़े और चेहरे इलाज करवाते है। अब तक सिम्स के दन्त चिकित्सा विभाग के द्वारा फ्रैक्चर के 550 मरीजों का सर्जरी / प्लेटिंग करके जबड़े को जोड़ा गया है।
मुँख-कैंसर के साथ अन्य प्रकार की जबड़े की टयूमर से ग्रसित 40 से अधिक मरीजों का सफलता पूर्वक इलाज किया गया है। ऑपरेशन के बाद आई चेहरे की विकृति को ठीक करने हेतु छाती का मांस (PMMC Flap ) निकलकर प्रत्यारोपण भी किया गया है। यह जटिल कैंसर का ऑपरेशन को आयुष्मान कार्ड से दन्त चिकिता विभाग के द्वारा नि:शुल्क किया गया है।
चेहरे की विषमता TMJ ANKYLOSIS यह एक प्रकार का जबड़े की बीमारी है; जिसमे जबड़े का विकास रुक जाता है और मुँह खुलना कम हो जाता है। जिससे मरीज का ऐसे 30 मरीजों का TMJ जोड़ को काटकर सफलता पूर्वक इलाज किया गया है। कुछ मरीजों ( 4 से 5 मरीजों ) का कृत्रिम जोड़ आर्टिफीसियल TMJ जॉइंट प्रत्यारोपण किया गया है। कुछ मरीजों का चेहरा अविकसित होने से टेढ़ा हो जाता है। ऐसे मरीजों में ऊपर- नीचे के जबड़े को काटकर सीधा कर ( Bilateral Le-forte 1 Osteotomy, Bilateral Sagital Split Osteotomy, Genioplasty ) चेहरा सुधारा गया। जिससे मरीजो का आत्मविश्वास बढ़ा और मरीज पहले से अधिक आकर्षक / सुन्दर हो गया।
दन्त चिकित्सा विभाग के डॉ भूपेंद्र कश्यप के निर्देशन एवं देखरेख में विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप प्रकाश एवं उनके टीम में शामिल डॉ. जंडेल सिंह ठाकुर, डॉ. हेमलता राजमणि, डॉ. केतकी कीनीकर, डॉ. प्रकाश खरे, डॉ. सोनल पटेल, वार्ड-बॉय ओमकारनाथ , लैब-अटेंडेंट उमेश साहू, के साथ निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. भावना रायजादा, डॉ. मिल्टन एवं उनकी टीम तथा नर्सिंग स्टाफ शामिल रहे।