दिल्ली । हिंदी और हिंदी-संस्कृति को प्रतिष्ठित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का 10 दिवसीय रजत पर्व (25 वाँ सम्मेलन) इंडोनेशिया, मलेशिया और बाली में 23 से 31 अगस्त तक होगा । इसमें भारत के 9 राज्यों के 50 से अधिक रचनाकार, कवि, लेखक, शिक्षाविद, पत्रकार, संपादक भाग ले रहे हैं । सम्मेलन का उद्घाटन इंडोनेशिया (बाली) के गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता, जमनालाल बजाज पुरस्कार से पुरस्कृत विद्वान पद्मश्री अगुस इंद्र उदयन करेंगे ।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देश-विदेश में सृजनरत स्थापित-नवागत रचनाकारों को जोड़कर स्वंयसेवी आधार पर भाषायी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार, साहित्य की सभी विधाओं और उसमें सक्रिय रचनाकारों का प्रजातांत्रिक सम्मान, भाषायी सौहार्द्रता, विविध भाषाओं की रचनाशीलता से परस्पर तादात्म्य और श्रेष्ठता का अनुशीलन व सम्मान, ज्ञानात्मक सहिष्णुता के लिए सकारात्मक प्रयास, विभिन्न देशों/प्रदेशों का साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक-वैकासिक अध्ययन-परीक्षण-पर्यटन सहित वैश्वीकरण की जगह वसुधैव कुटुम्बकम् की भारतीय परंपरा को प्रोत्साहित करना है ।
इसके पूर्व में रायपुर, बैंकाक, मारीशस, पटाया, ताशकंद (उज्बेकिस्तान), संयुक्त अरब अमीरात, कंबोडिया-वियतनाम, श्रीलंका (दो बार), चीन, नेपाल (दो बार), मिस्र, असम-शिलांग, बाली (इंडोनेशिया), राजस्थान, रूस, रायपुर, यूनान (एथेंस), म्यांमार (यांगून), वियतनाम, भूटान, कज़ाखिस्तान में 24 अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों का उल्लेखनीय आयोजन संपन्न हो चुका है ।
रजत पर्व बाली में 13 कृतियों का विमोचन होगा ।
1. सुश्री ममता अहार – वासवदत्ता (छत्तीसगढ़ी)
2. श्री राजेंद्र राजन – इरावती (कविता विशेषांक)
3. श्री चेतन भारती – छ.ग. के प्रयोगधर्मी और अन्वेषी साहित्यकार
4. डॉ. हरिसुमन बिष्ट – हवाओं में घिरा आदमी (उपन्यास)
5. डॉ. पुष्पा जोशी – ट्रू मीडिया (पत्रिका)
6. डॉ. रत्ना सिंह – संकिसा : इतिहास के दर्पण में (शोध)
7. डॉ. रामकृष्ण राजपूत – राम नाम सत्य है (लम्बी कविता)
8. डॉ. रामकृष्ण राजपूत – कबीरा खड़ा बाज़ार में (निबंध संग्रह)
9. डॉ. रामकृष्ण राजपूत – बंगस नवाबों का इतिहास (इतिहास)
10. डॉ. रामकृष्ण राजपूत – 1857 के शहीद टीकासिंह की उपेक्षा के मायने (इतिहास)
11. श्री रवि भोई, अरुंधती भोई – समवेत सृजन (मासिक पत्रिका)
12. डॉ. सुनील जाधव – शोध ऋतु (रिसर्च जर्नल)
13. डॉ. जयप्रकाश मानस – कविता कभी होती नहीं पुरानी (कविता संग्रह)
वार्षिक अलंकरण विभिन्न रचनाकारों का सम्मान होगा –
1. सृजनगाथा लाइफ टाइम एचीव्हमेंट सम्मान-(शिक्षा) – डॉ. नारायण प्रकाश माहेश्वरी
2. सृजनगाथा लाइफ टाइम एचीव्हमेंट सम्मान-(साहित्य) – श्री अंबिकादत्त चतुर्वेदी
3. सुकर्णो स्मृति सम्मान – डॉ. रामकृष्ण राजपूत
4. सृजनगाथा डॉट कॉम सम्मान – डॉ. जयप्रकाश सिंह
5. श्री सलेकचंद जैन स्मृति सम्मान – डॉ. सदाशिव श्रोत्रिय / डॉ. हरिसुमन बिष्ट
6. डॉ. सच्चिदानंद त्रिपाठी स्मृति सम्मान – श्री राजेन्द्र राजन / डॉ. गौरीशंकर गुप्ता
7. स्व. श्री जयप्रकाश माहेश्वरी स्मृति सम्मान – डॉ. अभय कुमार
8. स्व. श्रीमती बीरमती माहेश्वरी स्मृति सम्मान – डॉ. स्निग्धारानी स्वाईं/डॉ. रत्ना सिंह /ममता अहार
9. गोपाल दास नीरज़ स्मृति साहित्य सेवी सम्मान – डॉ. कृष्ण कुमार प्रजापति
10. शोध ऋतु सम्मान – डॉ. पुष्पा जोशी
11. ट्रू मीडिया सम्मान (साहित्य) – डॉ. अंतर्यामी प्रधान
12. ट्रू मीडिया सम्मान (शोध-पत्रिकारिता – डॉ. सुनील जाधव
13. ट्रू मीडिया सम्मान (पत्रकारिता) – श्री जगमोहन आजाद
14. ट्रू मीडिया सम्मान (पर्यावरण विज्ञान) – डॉ. गोविंद सिंह राजवार
सम्मेलन अध्यक्ष डॉ. सविता मोहन ने जानकारी दी है कि इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी (रचना के केंद्र में : कला या विचारधारा) होगी जिसमें बाली, भारत सहित अन्य विद्वान वक्ता अपने शोध आलेखों का वाचन करेंगे । स्वागताध्यक्ष जाने-माने पत्रकार, संपादक रवि भोई होंगे । सम्मेलन के अन्य सत्रों में भारतीय कवियों द्वारा कविता पाठ तथा लोक विशेषज्ञों द्वारा भारतीय लोककथा एवं लोकगीतों का पाठ किया जायेगा । इस अवसर पर विशेष रूप से कलाकार सुश्री ममता अहार द्वारा सती पार्वती (एकल प्रस्तुति) तथा ओडिसा की डॉ. स्निग्धा स्वाईं द्वारा ओडिसी नृत्य प्रस्तुति भी होगी । भारतीय दल द्वारा बाली के प्रमुख ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा भारतीय संस्कृति से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों का अध्ययन भ्रमण भी किया जायेगा ।