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बीजापुर कलेक्टर अनुराग पांडे की यादगार विदाई,नक्सली इलाके में आठ महीने की कलेक्टरी में जिले को चर्चा में ला दिया

० रेल लाइन से लेकर सैनिक स्कूल की नींव डाल दी

बीजापुर। जिले के प्रशासनिक मुखिया के तबादले या सेवानिवृति पर विदाई आम बात है, लेकिन बीजापुर के कलेक्टर अनुराग पांडे की विदाई समारोह लोगों के लिए यादगार बन गई। अनुराग पांडे यहां करीब आठ महीने कलेक्टर रहे। 2009 बैच के आईएएस अनुराग पांडे ने बीजापुर जैसे नक्सली इलाके में आठ महीने की कलेक्टरी में जिले को चर्चा में ला दिया। रेल लाइन से लेकर सैनिक स्कूल की नींव डाल दी। जिले के ग्रामीण बच्चों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और देश की राजधानी दिल्ली की हवाई यात्रा करवाकर उनके सपनों को पंख लगा दिया। कलेक्टर अनुराग पांडे ने बच्चों को न केवल प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय से रूबरू कराया, बल्कि उन्हें देश के गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलवाया। कलेक्टर अनुराग पांडे अपने आठ महीने के कार्यकाल में यहां नक्सलियों के खिलाफ खूब गरजे और लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने का महती काम किया। इस वजह से उनके विदाई समारोह में हर वर्ग के लोग जुटे।

31 अगस्त को कलेक्टर अनुराग पांडे को सर्व समाज, व्यापारी गण और आम नागरिकों द्वारा विदाई दी गई और उन्हें सम्मानित किया गया। इस प्रकार का समारोह जिले में पहली बार आयोजित किया गया, जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोग एकत्र हुए और एक प्रशासनिक अधिकारी के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट की। समारोह में अनुराग पांडे ने सभी को धन्यवाद दिया और कहा, “मैं बीजापुर के सभी नागरिकों का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे इस जिले की सेवा का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि आपके सहयोग और समर्थन के बिना यह सब संभव नहीं था। मैं इस जिले को कभी नहीं भूल पाऊंगा और आशा करता हूं कि भविष्य में भी मुझे आपके साथ काम करने का मौका मिलेगा। उनकी विदाई के मौके पर पूरे समारोह स्थल पर एक भावुक वातावरण था। हर किसी की आँखों में एक चमक और दिल में अनुराग पांडे के प्रति सम्मान और प्रेम साफ झलक रहा था।

कलेक्टर अनुराग पांडे के नेतृत्व में बीजापुर जिले में प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जो जिले के विकास और शांति स्थापना के लिए मील का पत्थर साबित हुए हैं। माओवादी हिंसा और गतिविधियों के कारण दो दशकों से बंद पड़े स्कूलों को पुनः संचालित करने का साहसिक कार्य, उनकी कार्यशैली और दूरदृष्टि का प्रमाण है। उनकी पहल से उन दुर्गम और माओवादी-प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण कराया गया, जहां पहले सिर्फ माओवादियों का दबदबा था। यह कदम न केवल जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि इन क्षेत्रों में सुरक्षा और प्रशासनिक पहुंच को भी मजबूती प्रदान की। इसके अतिरिक्त, कलेक्टर श्री पांडे ने बीजापुर में सैनिक स्कूल खोलने की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रयास किए। उन्होंने थल सेना अध्यक्ष को पत्र लिखकर जिले में सैनिक स्कूल की स्थापना की मांग की, जिससे जिले के युवाओं को उच्च स्तरीय सैनिक शिक्षा का अवसर मिल सके। इसी प्रकार, जिला मुख्यालय में बढ़ती ट्रैफिक समस्या को हल करने के लिए बहुप्रतीक्षित बाईपास मार्ग के निर्माण के लिए आ रही बाधाओं का निराकरण किया गया, जिससे शहर में यातायात व्यवस्था सुगम हो गई।

बीजापुर जैसे माओवादी-प्रभावित जिले को रेलवे लाइन से जोड़ने की पहल भी कलेक्टर अनुराग पांडे की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने इस योजना को स्वीकृति प्रदान की, जो जिले के आर्थिक और सामाजिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा. रेलवे लाइन से जुड़ने के बाद जिले में व्यापार और आवागमन में वृद्धि होगी, जिससे बीजापुर के निवासियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।शिक्षा के क्षेत्र में भी कलेक्टर अनुराग पांडे के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने आश्रम, छात्रावासों और नवोदय विद्यालय में छात्रों से मिलने आने वाले पालकों के लिए उचित व्यवस्थाएं कीं, जिससे छात्रों और उनके अभिभावकों को सुविधा मिली। इसके अतिरिक्त, उन्होंने जिले के 80 युवाओं को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देकर सोशल इनफ्लूएंसर बनाया, ताकि स्वरोजगार को बढ़ावा मिले और मोबाइल तथा इंटरनेट का राष्ट्रहित व मानव कल्याण में इस्तेमाल किया जा सके।

उन्होंने जिले के टॉप करने वाले 100 बच्चों को हवाई जहाज से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भेजकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कराई, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा और उन्हें राज्य के नेतृत्व से प्रेरणा मिली। इसके साथ ही, जिले के 1000 युवाओं को इच्छानुसार भ्रमण के लिए राशि देने के कार्य भी किए गए, जो युवाओं के सर्वांगीण विकास और उनके अनुभवों में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं। कलेक्टर अनुराग पांडे की इन सेवाओं और उपलब्धियों के लिए सर्व समाज, आम नागरिकों, और व्यापारी वर्ग ने उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया। बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने भी मंच से उन्हें सम्मानित करते हुए कहा, “अनुराग पांडे जी ने अपने कार्यकाल में जिस लगन और समर्पण से जिले की सेवा की है, वह सभी के लिए प्रेरणादायक है. उनकी विदाई से हमें दुख हो रहा है, लेकिन हम उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं। ” कुटरू पंचायत के सरपंच शंकर मज्जी ने कलेक्टर श्री पांडे के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए ठोस कदमों की तारीफ़ करते हुए कहा कि “जिले के लिए ऐसे काम करने वाले कलेक्टर का नाम बीजापुर के इतिहास में हमेशा रौशन रहेगा। ”

सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष जग्गू राम तेलामी ने कहा कि अनुराग पांडे ने आदिवासी समाज के लोगों की चिंता की। उन्होंने अनुराग पांडे के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि “बहुत कम समय के कार्यकाल में जन संवाद और आदिवासी विकास को जमीनी स्तर पर पहुंचाने के लिए बीजापुर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय हमेशा जाने जाएंगे। ”

समारोह के दौरान, अनेक नागरिकों और व्यापारियों ने भी कलेक्टर पांडे के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि उनका कार्यकाल न केवल विकास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि उन्होंने समाज में आपसी सहयोग और समन्वय की भावना को भी प्रोत्साहित किया। इस विदाई समारोह में जिले के विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यापारिक समूहों और नागरिक संस्थाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी ने एकजुट होकर अनुराग पांडे के प्रति सम्मान प्रकट किया और उन्हें विदाई दी। इस आयोजन के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने अपने कला का प्रदर्शन किया और कलेक्टर के सम्मान में गीत और नृत्य प्रस्तुत किए।

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