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कजरी तीज आज : शुभ मुहूर्त में करें पूजा, जानें व्रत का महत्व और विधि

हिंदू धर्म में प्रत्येक तिथि पर कोई ना कोई व्रत त्योहार मनाया जाता है. आज यानी 2 सितंबर 2023 को कजरी तीज का व्रत रखा जा रहा है. ये व्रत हर वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि जो महिला ये व्रत करती हैं, उनके बच्चों का भविष्य उज्जवल होता है और उनके परिवार की सुख समृद्धि में वृद्धि होती है. कजरी तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना कर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है. आज के दिन दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है. इस शुभ योग में पूजा करना बेहद शुभ फलदाई माना जा रहा है. जानें कजरी तीज की पूजा विधि, उसका महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में.

कजरी तीज 2023 शुभ मुहूर्त

इस वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का शुभारंभ 01 सितंबर की 11:50 बजे से हो रहा है जिसका समापन 02 सितंबर की रात 10:49 बजे हो जाएगा. हिंदू पंचाग के अनुसार कजरी तीज का पर्व 02 सितंबर 2023 दिन शनिवार मनाया जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है. कजरी तीज पर चन्द्रोदय का समय शाम 07:44 माना जा रहा है. इसके अलावा आज रेवती नक्षत्र भी बन रहा है जिसका शुभारंभ दोपहर 12:30 बजे से हो रहा है.

कजरी तीज का महत्व
कजरी तीज को बड़ा तीज के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सबसे पहले कजरी तीज का व्रत देवी पार्वती ने रखा था. इस व्रत को जो भी महीलाएं करती हैं उनके घर में सुख समृद्धि आती है साथ ही उनके बच्चों का भविष्य भी उज्जवल होता है. इस व्रत को करने से जीवन में आ रही अनेक तरह की समस्याएं दूर हो सकती हैं. ये भी कहा जाता है कि यदि कोई कुंवारी कन्या इस व्रत को करती है तो उसको मनचाहा वर प्राप्त होता है. कजरी तीज पर चंद्रमां की उपासना कर उन्हें अर्घ्य दिया जाता है. ऐसा करना बेहद लाभकारी माना जाता है.

कजरी तीज 2023 पूजा विधि
0 कजरी तीज वाले दिन सुबह जल्दी उठ कर नित्य कामों से निवृत्त हो जाएं.
0 उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का मन ही मन ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प करें.
0 अब जो महिलाएं व्रत कर रही हैं वे एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा कर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें.
0 इसके भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करें.
0 इस दौरान माता गौरी को सुहाग के 16 श्रृंगार अर्पित करें और महादेव को बेल पत्र, गाय का दूध, गंगा जल, धतूरा और भांग आदि अर्पित करें.

 

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