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बिंद्रानवागढ़ विधानसभा है भाजपा का गढ़, क्या इस बार जीत का किला भेद पाएगी कांग्रेस  

जीवन एस. साहू
गरियाबंद।  जिले के बिंद्रानवागढ़ विधानसभा सुरक्षित सीट भाजपा का गढ़ है, परंतु कांग्रेस इस सीट को जीतने के लिए ऐडी चोटी का जोर लगा रही है, कांग्रेस और भाजपा में दावेदारों की कतार है, फिलहाल  तो दोनों दलों में टिकट को लेकर किसका भाग्य खुलेगा स्पष्ट नहीं है।  बताया जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस में टिकट किसे देना है राय  सुमारी का दौर जारी है, इस सीट को लेकर गौर करने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा भाजपा ने यह सीट जीती है। सन 1980 से अब तक हुए चुनाव में छह बार भाजपा ने जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस महज तीन बार जितने में सफल रही है, भाजपा के गठन के बाद पिता पुत्र स्वर्गीय श्री बलराम पुजारी और डमरूधर पुजारी दो -दो बार विधायक चुने गए हैं। वैसे तो स्वर्गीय बलराम पुजारी सन 1977 मे जनता पार्टी से चुनाव लड़कर विधायक बने थे। जबकि कांग्रेस से 1985 में ईश्वर सिंह पटेल और सन 1993 और 2003 में ओकार शाह चुनाव जीते थे। बिंद्रानवागढ़ विधानसभा का चुनावी समर इस बार भी दिलचस्प होगा। क्षेत्रफल की दृष्टि से विधानसभा वृहद क्षेत्र में फैला है, जिसकी दूरी छुरा से देवभोग तक की है।
 इस सीट पर कांग्रेस- भाजपा में दावेदारों की कमी नहीं है, जहां भाजपा से पांच और कांग्रेस से तीन दावेदार प्रमुख रूप से सामने आए हैं। भाजपा के विधायक डमरूधर पुजारी, पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी, भागीरथी मांझी, हलमन धुर्वा, बाबा उदयनाथ एवं कांग्रेस से जनक ध्रुव,  संजय नेताम, लोकेंद्र कोमर्रा के नाम की चर्चा है। जिसमें से पहले जनक ध्रुव, संजय नेताम को कांग्रेस ने टिकट दिया था, लेकिन चुनाव जीतने में यह सफल नहीं हुए थे, वही लोकेंद्र कोमर्रा शासकीय नौकरी छोड़कर कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं।
 इस विधानसभा क्षेत्र में टिकट को लेकर अनेक तरह की चर्चाएं हो रही है, जहां भाजपा में पुराने चेहरे के रूप में विधायक डमरूधर पुजारी, पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी के नाम सामने है, वही भाजपा में नए चेहरे के रूप में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भागीरथी माझी, अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य हलमन धुर्वा, बाबा उदयनाथ के नाम चर्चा में है। बताते हैं कि भाजपा के पांच दावेदारों ने मैनपुर में पिछले दिनों पर्यवेक्षक पूर्व विधायक श्रीमती पिंकी शाह के सामने दावेदारी प्रस्तुत की है। इसके अलावा भाजपा में ही  जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नूरमति मांझी, ने भी टिकट मांगा है।
 इधर कांग्रेस में टिकट को लेकर जमकर उठापटक है,जनक ध्रुव,  संजय नेताम, लोकेंद्र कोमर्रा कांग्रेस कमेटी में आवेदन देने के बाद राजधानी में टिकट के लिए जोड़-तोड़ करने में सक्रिय हैं।
भाजपा कांग्रेस सक्रिय
विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता सक्रिय हो गए हैं, इंतजार सिर्फ टिकट वितरण का है। यहां दोनों दल चुनाव में आमने-सामने होंगे, आप पार्टी के  कार्यकर्ता जरूर कुछ सक्रिय हो रहे हैं, अब तक बीजेपी कांग्रेस में कहीं से विरोध के स्वर सुनाई नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस भाजपा में टिकट वितरण के बाद ही राजनीतिक हलचल तेज होगी। आगामी सितंबर माह में ही टिकट किसे दिया जाएगा फैसला हो जाएगा, जनता और दोनों दलों के कार्यकर्ताओं को इसका इंतजार है, देखने से पता चलता है कि संगठन स्तर पर भाजपा ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, भाजपा के कार्य विस्तार योजना के  प्रांत सहसंयोजक रूपनारायण सिंहा ने देवभोग में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक ली, कांग्रेस ने भी पिछले दिनों यहां संकल्प शिविर का आयोजन किया। राजनीतिक हालात को देखा जाए तो कांग्रेस और भाजपा  के बीच इस सीट को जीतने के लिए रोचक चुनावी मुकाबला होना तय है।
पिछले चुनाव में 10 हजार मतों से बीजेपी को जीत, इस बार किसकी बारी 
बिंद्रानवागढ़  विधानसभा क्षेत्र की विशेषता यह है कि हीरे और अलेक्जेंडर  का भंडार है, रत्न पाए जाने के कारण छत्तीसगढ़ प्रदेश में इस क्षेत्र की अलग पहचान है, इस बार विधायक के रूप में किसका भाग्य चमकेगा , यह फैसला मतदाताओं के हाथों में सुरक्षित है। भाजपा का गढ़ बरकरार  रहेगा, या फिर कांग्रेस सीट जीतने में सफल होगी, यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन यह तो तय है कि इस अमीर धरती में विधायक पद को लेकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच खंदक की चुनावी जंग होगी। पिछले चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि भाजपा लगभग 10 हजार  मतों से चुनाव में विजय हुई थी।
बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-55 
महिला मतदाता संख्या – 110392
पुरूष मतदाता संख्या – 107712
थर्ड जेण्डर संख्या – 03
कुल मतदाता संख्या – 218107
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