कही-सुनी (28 SEPT-25) : क्या 1994 बैच के आईपीएस पूर्णकालिक डीजीपी बनेंगे ?

रवि भोई की कलम से
छत्तीसगढ़ के पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति का मसला महीनों से लंबित है। यूपीएससी से पैनल आने के चार महीने बाद भी पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति नहीं हो सकी है। 1992 बैच के आईपीएस अरुणदेव गौतम चार फ़रवरी 2025 से एक्टिंग डीजीपी बने हुए हैं। यूपीएससी ने पैनल में पूर्णकालिक डीजीपी के लिए अरुणदेव गौतम और 1992 बैच के हिमांशु गुप्ता का नाम भेजा। 1992 बैच के पवनदेव और 1994 के जीपी सिंह का नाम पैनल में नहीं रखा। यही विवाद का विषय बन गया, फिर वरिष्ठता क्रम में हिमांशु गुप्ता इनसे कनिष्ठ हैं। छत्तीसगढ़ कैडर में 1994 बैच के आईपीएस शिवराम प्रसाद कल्लूरी भी हैं, पर अभी वे डीजी प्रमोट नहीं हुए हैं। जीपी सिंह और हिमांशु गुप्ता डीजी बन गए हैं। बताते हैं राज्य के एक मंत्री 1994 बैच के आईपीएस को डीजीपी बनाने के लिए अड़े हुए हैं। इसके कारण मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है। अब 1994 बैच के आईएएस विकासशील राज्य के नए मुख्य सचिव बन गए हैं, ऐसे में चर्चा होने लगी है कि 1994 बैच के आईपीएस डीजीपी बनेंगे। खबर है कि 1994 बैच के आईपीएस को डीजीपी बनाने की पैरवी करने वाले मंत्री जी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गुड बुक में हैं और एक्टिव भी हैं। सरकार ने 1994 बैच के विकासशील को 1991,1992 और 1993 बैच के साथ 1994 बैच के दो अफसरों की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर मुख्य सचिव बना दिया। हवा है कि ऐसा डीजीपी के मामले में हो सकता है। अब डीजीपी के लिए क्या फार्मूला अपनाया जाता है,इसका सबको इंतजार है।
महिला मित्र को लेकर चर्चा में मंत्री जी
कहते हैं कि छत्तीसगढ़ के एक मंत्री जी अपनी महिला मित्र को लेकर सुर्ख़ियों में हैं और भाजपा के नेता और कार्यकर्ता दोस्ती को लेकर चटखारे ले रहे हैं। खबर है कि मंत्री जी ने अपनी महिला मित्र को हाल ही में राजधानी के जीई रोड़ स्थित एक पॉश कालोनी में तकरीबन तीन करोड़ रुपए मूल्य का शानदार बंगला खरीद कर दिया है। पहली बार मंत्री बने ओबीसी नेता पहले अपनी महिला मित्र को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाना चाहते थे। जिला पंचायत सदस्य बनाने के लिए मंत्री जी ने धन लुटाया, पर गच्चा खा गए। उनकी महिला मित्र जिला पंचायत सदस्य नहीं बन सकीं। राजनीतिक पद दिला नहीं पाए, तो फिलहाल बंगला दिला कर उसकी भरपाई कर दी है।
भाजपा पदाधिकारी की आला अफसर से तकरार
चर्चा है कि भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी की पिछले दिनों राज्य के एक आला अफसर से फोन पर जमकर तकरार हो गई। खबर है कि भाजपा पदाधिकारी पार्टी के एक दिवंगत नेता की रिश्तेदार के तबादले को लेकर अफसर को फोन लगाया और उन्हें सुझाव देने लगे। भाजपा पदाधिकारी ने अफसर को दिवंगत भाजपा नेता के पार्टी में योगदान का भी जिक्र किया। बताते हैं अफसर महोदय को भाजपा पदाधिकारी की बात अच्छी नहीं लगी और जवाब दे दिया। इससे भाजपा पदाधिकारी ने अफसर पर शब्दबाण छोड़े। बताते हैं इस घटना के बाद भाजपा पदाधिकारी और सरकार के शीर्ष लोगों के बीच बैठक भी हुई। कहते हैं मामला फिलहाल सुलझ गया है।
सलाह देना भारी पड़ा अफसर को
कहते हैं नौ सितंबर को हुई विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक में एक मंत्री जी सचिव स्तर के एक अधिकारी पर भड़क गए। बताते हैं मुद्दा मंत्री जी के विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा था। चर्चा है कि विषय सलाह देने वाले सचिव के विभाग से संबंधित नहीं था। खबर है कि शीर्ष राजनीतिक स्तर पर चर्चा के बाद विषय को कैबिनेट में लाया गया था और उसमें ज्यादा डिस्कसन भी नहीं होना था, पर अधिकारी की सलाह मंत्री जी को नहीं भाया। मंत्री जी का तेवर देखकर दूसरे मंत्रियों ने मामला संभाला। संबंधित विषय को मंजूरी देते आगे बढ़ गए।
निधि छिब्बर छत्तीसगढ़ आएंगी या नहीं ?
सरकार ने 1994 बैच के आईएएस विकासशील को छत्तीसगढ़ का मुख्य सचिव बनाने का आदेश सरकार ने जारी कर दिया है। अब उनकी पत्नी 1994 बैच की आईएएस निधि छिब्बर छत्तीसगढ़ आएंगी या नहीं, चर्चा का विषय है। निधि छिब्बर वरिष्ठताक्रम में विकासशील से ऊपर हैं, ऐसे में विकासशील के मातहत निधि छिब्बर काम करेंगी या नहीं, यह बड़ा सवाल है ? निधि छिब्बर वर्तमान में नीति आयोग में सलाहकार हैं और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। बताते हैं निधि छिब्बर भारत सरकार में सचिव इम्पैनल हो गई हैं। कहते हैं निधि छिब्बर की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति समाप्त कर छत्तीसगढ़ वापसी का अभी तक कोई आदेश नहीं हुआ है। प्रशासनिक हलकों में चर्चा है कि विकासशील छत्तीसगढ़ संभालेंगे और निधि छिब्बर दिल्ली में ही रहेंगी।
मंत्री जी के सख्त तेवर
कहते हैं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के एक मंत्री इन दिनों सख्त तेवर अपनाए हुए हैं। पहली बार मंत्री पद का स्वाद चखने वाले नेताजी संघ से नाता रखने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को भी नहीं बख्श रहे हैं। साय सरकार में खासे दखल रखने वाले एक नेताजी के स्टाफ के भाई को भी मंत्री जी ने नहीं बख्शा। चर्चा है कि मंत्री जी भरी मीटिंग में अधिकारियों और कर्मचारियों को ताकीद कर दिया है कि उन्हें किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं है। साथ में हिदायत दे दी है कि उनके पास किसी नेता का फोन नहीं आना चाहिए। सरकारी अधिकारी-कर्मचारी ट्रांसफर-पोस्टिंग और बहाली के लिए मंत्री को नेताओं से फोन तो करवाते ही है। भारी-भरकम कर्मचारी वाले विभाग में मंत्री जी की हिदायत से सबको सांप सूंघ गया है। अब जनप्रतिनिधियों के रुख का इंतजार है।
मनोज पिंगुआ जाएंगे दिल्ली ?
छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल 1994 बैच के आईएएस और राज्य के अपर मुख्य सचिव गृह तथा जेल मनोज पिंगुआ के जल्द केंद्र सरकार में जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि श्री पिंगुआ ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को भारत सरकार में जाने की इच्छा से अवगत करा दिया है। कहा जा रहा है कि मनोज पिंगुआ केंद्र सरकार में सचिव के तौर पर इम्पैनल हो चुके हैं और वे चार महीने पहले ही केंद्र सरकार में जाने की सहमति दे चुके हैं। वैसे मनोज पिंगुआ का नाम वरिष्ठता क्रम में नए मुख्य सचिव विकासशील के नीचे है। कुछ राज्यों में मुख्य सचिव के बैच वाले अफसर मंत्रालय में पदस्थ हैं और काम कर रहे हैं। विकासशील के मुख्य सचिव बनने के बाद 1994 बैच की आईएएस ऋचा शर्मा के दिल्ली जाने की चर्चा चल पड़ी है। अब देखते हैं क्या होता है। वैसे वरिष्ठता क्रम में ऋचा शर्मा का नाम नए मुख्य सचिव विकासशील से ऊपर है। ऋचा शर्मा विष्णुदेव साय की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ लौटीं हैं। इसके पहले तक भारत सरकार में ही पदस्थ थीं।
अक्टूबर के पहले हफ्ते में प्रशासनिक सर्जरी
माना जा रहा है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में मंत्रालय से लेकर जिलों में प्रशासनिक सर्जरी हो सकती है। चर्चा है कि मंत्रालय में फेरबदल में कई बड़े विभाग प्रभावित हो सकते हैं। इसमें लोगों से सीधे जुड़े विभाग से लेकर वर्क्स डिपार्टमेंट के प्रभारी बदलने की सुगबुगाहट है। कई जिलों के कलेक्टर बदले जाने की भी खबर है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने कोरबा के कलेक्टर अजीत वसंत को हटाने के लिए सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। खबर है कि अजीत वसंत को कोरबा से नहीं हटाया गया, तो ननकीराम कंवर चार अक्टूबर को रायपुर में धरना पर बैठ जाएंगे। अब देखते हैं क्या होता है।
बैज की किरकिरी कर दी पार्षदों ने
कहते हैं निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस में आए पार्षद आकाश तिवारी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने ही रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष बनाया था, ऐसे में कांग्रेस के पांच पार्षदों ने संदीप साहू के पक्ष में समर्थन जताकर दीपक बैज की किरकिरी कर दी। बताते हैं जिला कमेटी की राय पर संदीप साहू पहले ही रायपुर नगर निगम में कांग्रेस पार्षदों के नेता बन गए थे। दीपक बैज और प्रभारी महासचिव सचिन पायलट ने फैसले को पलट कर आकाश तिवारी को कांग्रेस पार्षद दल का नेता घोषित कर दिया। 2025 के नगर निगम चुनाव में रायपुर में कांग्रेस सात वार्ड में ही जीत हासिल कर सकी। कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ने और जीत हासिल करने वाले आकाश तिवारी के आने से कांग्रेस के पार्षदों की संख्या आठ हो गई। पांच पार्षद आकाश के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
(लेखक पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
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